शिष्ट मधुर व्यवहार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
फूहड़पन के वस्त्र, बुरे सबको लगते हैं,
जंग लगे से शस्त्र, बुरे सबको लगते हैं,
स्वाभाविक श्रंगार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
जीवन के जंजाल, बुरे सबको लगते हैं,
सजा हुआ घर-बार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
सूदखोर शैतान, बुरे सबको लगते हैं,
सज्जन का सत्कार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
दुःखों के अम्बार, बुरे सबको लगते हैं,
हरा-भरा परिवार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
चुभने वाले खार, बुरे सबको लगते हैं,
निश्छल सच्चा प्यार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
शिष्ट मधुर व्यवहार, बहुत अच्छा लगता है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही काव्यात्मक रूप में सुन्दर बात.............एक से बढ़ कर एक सुन्दर छंद...........गीत की तरह गाये जाने वाली पंक्तियाँ ........लाजवाब
aapne bahut achchhi baatein kahi
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सीख काव्यात्मक ढंग से दी आपने.
जवाब देंहटाएंरामराम.
zindagi ki gahri baton ko kavya mein bahut hi sundar dhang se vyakt kiya hai.
जवाब देंहटाएंapke shabdon ka sansaar achha lagta hai bahut sunder bhavaviyakti hai
जवाब देंहटाएंसपनों का संसार
जवाब देंहटाएंतभी अच्छा लगता है,
जब तुम हो मेरे साथ,
हृदय में लेकर मेरा प्यार!