भारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए।
देश की सीमाओँ को बचाने के लिए तो आज,
तन-मन प्राण का हवन होना चाहिए।
शासकों को सीधी चाल चलने की जरूरत है,
तुष्टिकरण नीति का दमन होना चाहिए।
ईंट का जवाब अब देना होगा पत्थरों से,
बैरियों को कब्र में दफन होना चाहिए।
कोठी-बंगलों में ऐश बन्द होनी चाहिए,
सबके लिए मामूली भवन होना चाहिए।
रत्न-भूषण और श्री चाटुकारिता के चिह्न से,
मुक्त अपना प्यारा ये चमन होना चाहिए।
उग्रवादियों को सजा फाँसी की मिले तुरन्त,
अपने प्यारे देश में अमन होना चाहिए।
नेताओं की लाश को न झण्डे लपेटा जाये,
शहीदों का तिरंगा कफन होना चाहिए।
आजादी की जंग में जिन्होंने बलिदान दिया,
उन देशभक्तों का नमन होना चाहिए
जाति-धर्म, भाषा और भूषा की न होड़ लगे,
सबसे पहले अपना वतन होना चाहिए।
|
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
शनिवार, 10 अगस्त 2013
"भारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
आजादी की जंग में जिन्होंने बलिदान दिया,
जवाब देंहटाएंउन देशभक्तों का नमन होना चाहिए
जाति-धर्म, भाषा और भूषा न होड़ लगे,
सबसे पहले अपना वतन होना चाहिए।
बहुत सुंदर प्रस्तुति ,,,
RECENT POST : जिन्दगी.
घण्टे-घड़ियाल, ताल-खड़ताल लेके अब,
जवाब देंहटाएंभारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए।
देश की सीमाओँ को बचाने के लिए तो आज,
तन-मन प्राण का हवन होना चाहिए।
अति सुन्दर !
आजादी की जंग में जिन्होंने बलिदान दिया,
जवाब देंहटाएंउन देशभक्तों का नमन होना चाहिए
जाति-धर्म, भाषा और भूषा न होड़ लगे,
सबसे पहले अपना वतन होना चाहिए।--
सही और सटीक सीख
latest post नेता उवाच !!!
latest post नेताजी सुनिए !!!
"आजादी की जंग में जिन्होंने बलिदान दिया,
जवाब देंहटाएंउन देशभक्तों का नमन होना चाहिए
जाति-धर्म, भाषा और भूषा न होड़ लगे,
सबसे पहले अपना वतन होना चाहिए।"....
देश-प्रेम से ओत-प्रोत .....वाह
बहुत सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत जोशीली और सार्थक यथार्थ की प्रस्तुति करने वाली घनाक्षरियाँ हैं मित्र !
जवाब देंहटाएंबहुत ओजस्वी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
very inspiring.
जवाब देंहटाएंजय जय जय जय देश हमारे,
जवाब देंहटाएंसदा पल्लवित, सबके प्यारे।
प्रेरणात्मक कविता के लिए आभार !
जवाब देंहटाएं♥ वंदे मातरम् ! ♥
!!==–..__..-=-._.
!!==–..__..-=-._;
!!==–..@..-=-._;
!!==–..__..-=-._;
!!
!!
!!
!!
नेताओं की लाश को न झण्डे में लपेटा जाये,
शहीदों का तिरंगा कफन होना चाहिए।
तुष्टिकरण नीति का दमन होना चाहिए।
सबसे पहले अपना वतन होना चाहिए।
लाजवाब ! अत्युत्तम !
आदरणीय शास्त्री जी
सुंदर छंद में सबके मन की बातें कही है आपने
नमन आपको !
हार्दिक बधाई
...शुभकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार