अमन का चमन है वतन ये हमारा।
नही दानवों का यहाँ है गुजारा।।
खदेड़ा है गोरों को हमने यहाँ से,
लहू दान करके बगीचा सँवारा।
बजे चैन की वंशियाँ मन-सुमन में,
नही हमको हिंसा का आलम गवारा।
दिया पाक को देश का पाक हिस्सा,
अनुज के हकों को नही हमने मारा।
शुरू से सहा आज तक सह रहे हैं,
छोटा समझ कर दिया है सहारा।
दरियादिली बुजदिली मत समझना,
समझदार हो तो समझना इशारा।
हिदायत हमारी है सीमा न लाँघो,
मिटा देंगे पल भर में भूगोल
सारा।
दिया "रूप" हमने, भरा रंग हमने,
तिरंगा बना देंगे हम चाँद-तारा।
|
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गुरुवार, 8 अगस्त 2013
"तिरंगा बना देंगे हम चाँद-तारा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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आपने लिखा....हमने पढ़ा....
जवाब देंहटाएंऔर लोग भी पढ़ें; ...इसलिए शनिवार 10/08/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
बहुत बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बढिया..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन.
जवाब देंहटाएंहिदायत हमारी है सीमा न लाँघो,
जवाब देंहटाएंमिटा देंगे पल भर में भूगोल सारा।
बहुत उम्दा ,,,
RECENT POST : तस्वीर नही बदली
दरियादिली बुजदिली मत समझना,
जवाब देंहटाएंसमझदार हो तो समझना इशारा।
हिदायत हमारी है सीमा न लाँघो,
मिटा देंगे पल भर में भूगोल सारा।
समझ के परे है यह छोटा भाई(?)
सामयिक सटीक रचना ।
आपकी यह उत्कृष्ट रचना दिनांक 09.08.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।
जवाब देंहटाएंbahut sshakt rachna .aabhar
जवाब देंहटाएंबहादुरी की बातें... बढ़िया हैं।
जवाब देंहटाएंसच्चाई तो कुछ यूँ है-
वजीर-ए-हिफ़ाजत फिकर ना करेंगे
हुआ क्या जो तुमने अभी पाँच मारा
दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए ये उत्साह बना रहना बहुत जरुरी है
जवाब देंहटाएंबहुत सशक्त पंक्तियाँ..
जवाब देंहटाएंsundar zazbe se bhari huyee rachnaa...badhaayee
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन
जवाब देंहटाएंlatest post नेताजी सुनिए !!!
latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!
desh bhakti ki bawna se prerit betreen rachna ... naman :)
जवाब देंहटाएंआपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 6 अगस्त से 10 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
जवाब देंहटाएंकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा
'..नही दानवों का यहाँ है गुजारा.'
जवाब देंहटाएं- कितना अच्छा हो निकाल बाहर करें !