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शनिवार, 12 अक्टूबर 2013
"आँचल में है दूध और.... (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (13-10-2013) के चर्चामंच - 1397 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंप्रस्तुत उदाहरण हमारे लिये अभिमान का विषय है। इस अभिमान को सप्रयास बचाना ही होगा।
जवाब देंहटाएंदुनिया ने मुझे
जवाब देंहटाएंअबला मान लिया है,
और केवल
भोग-विलास की
वस्तु जान लिया है!
यही तो है मेरी कहानी,
आँचल में है दूध
और ........!
सुंदर अभिव्यक्ति...!
जवाब देंहटाएंसच यह बिडम्बना है हमारे समाज की जो नारी को समझ नहीं पाता.. बहुत बढ़िया सार्थक रचना ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - रविवार - 13/10/2013 को किसानी को बलिदान करने की एक शासकीय साजिश.... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः34 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
जवाब देंहटाएंनारी को भोग विलास की वस्तु मानने वालों को सबक सिकाने की आवश्यकता है ।
जवाब देंहटाएंसामयिक सुंदर प्रस्तुति।
सुन्दर भाव भूमि हसी इस पोस्ट की।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव भूमि हसी इस पोस्ट की।
यही तो है मेरी कहानी,
आँचल में है दूध
और ........!
समता चाहे ममता -रानी।
गर्भ नहीं उसकी है समाधि।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (14.10.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंऔर हमारी तरफ से दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें
How to remove auto "Read more" option from new blog template
सुंदर सामयिक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंनारी दुर्गा है ... नारी का सम्मान हर हाल में ... यही शुद्ध जीवन संकल्प है ...
जवाब देंहटाएंविजयदशमी की मंगल कामनाएं ...
nari ke anek roop unka samman karna bhi utana hi jaroori hai ..ye vidambana hai ki ki aaj bhi nari ko yathochit samman nahi mil paa raha hai ..bhavpoorn rachana ..
जवाब देंहटाएंसटीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की शुभकामनाएं
अभी अभी मेरे विचार मेरी अनुभूति: महिषासुर बध (भाग -१ )!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : रावण जलता नहीं
विजयादशमी की हार्दिक मंगलकामनाएँ .
सत्य...सटीक अभिव्यक्ति
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