तुमको सच्चे मन से ध्याता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
व्रत-पूजन में दीप-धूप हैं,
नवदुर्गा के नवम् रूप हैं,
मैं देवी का हूँ उद् गाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
प्रथम दिवस पर शैलवासिनी,
शैलपुत्री हैं दुख विनाशिनी,
सन्तति का माता से नाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
देवी तुम हो मंगलकारिणी,
निर्मल रूप आपका भाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
बनी चन्द्रघंटा तीजे दिन,
मन्दिर में रहती हो पल-छिन,
सुख-वैभव तुमसे है आता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
कूष्माण्डा रूप तुम्हारा,
भक्तों को लगता है प्यारा,
पूजा से संकट मिट जाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
पंचम दिन में स्कन्दमाता,
मोक्षद्वार खोलो जगमाता,
भव-बन्धन को काटो माता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
कात्यायनी बसी जन-जन में,
आशा चक्र जगाओ मन में,
भजन आपका मैं हूँ गाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
कालरात्रि की शक्ति असीमित,
ध्यान लगाता तेरा नियमित,
तव चरणों में शीश नवाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
महागौरी का है आराधन,
कर देता सबका निर्मल मन,
जयकारे को रोज लगाता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
सिद्धिदात्री हो तुम कल्याणी
सबको दो कल्याणी-वाणी।
मैं बालक हूँ तुम हो माता।
दया करो हे दुर्गा माता।।
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शनिवार, 5 अक्टूबर 2013
"हे दुर्गा माता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नवदुर्गा की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आदरणीय ||
नवरात्रि की शुभकामनायें-
नव दुर्गा कि शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (06-10-2013) के चर्चामंच - 1390 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर .... अद्वितीय ....
जवाब देंहटाएंनवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
:-)
सुंदर !
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की शुभकामनायें
वाह ! बहुत सुंदर प्रस्तुति.!
जवाब देंहटाएंनवरात्रि पर्व की बहुत बहुत शुभकामनायें-
RECENT POST : पाँच दोहे,
जय हों |
जवाब देंहटाएंनवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ
वाःह्ह्ह बहुत ही सुन्दर .. सजीवता और सरलता से माँ में सभी रूप का वर्णन किया आपने ..सादरनमन :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता. नवरात्रि की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएं