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सोमवार, 13 जनवरी 2014
"पर्व लोहिड़ी का हमें, देता है सन्देश" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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आप को भी लोहड़ी की बहुत सारी बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ! लोहड़ी की बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की शुभकामनाएं !
नई पोस्ट हम तुम.....,पानी का बूंद !
नई पोस्ट लघु कथा
अति सुन्दर सांस्कृतिक रंग लिए है यह प्रस्तुति -शास्त्रीजी की।
जवाब देंहटाएंबेटा बेटी एक हैं जलाओ लोहड़ी दोनों के जन्म पर बजाओ ढोलकी
पर्व लोहिड़ी का हमें, देता है सन्देश।
मानवता अपनाइए, सुधरेगा परिवेश।१।
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प्रेम और सद्भाव से, बनते बिगड़े काज।
मूँगफली औ' रेवड़ी, बाँटो सबको आज।२।
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गुड़ में भरी मिठास है, तिल में होता स्नेह।
खाकर मीठा बोलिए, बना रहेगा नेह।३।
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बेटी रत्न अमोल है, कुदरत का उपहार।
बेटा-बेटी में करो, समता का व्यवहार।४।
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दो पहियों के बिन नहीं, गाड़ी का आधार।
नर औ' नारी के बिना, सूना है संसार।५।
http://uchcharan.blogspot.in/
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,लोहड़ी कि हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआपका आभार-
मकर-संक्रान्ति की मंगलकामनाएं -
भावपूर्ण! प्रेरक सन्देश देती उत्तम रचना. लोहिड़ी के कई रंग मुखर है इसमें. लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंहिमकर श्याम
http://himkarshyam.blogspot.in
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंशानदार,सुंदर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की सभी मित्रों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं !
RECENT POST -: कुसुम-काय कामिनी दृगों में,
सुन्दर प्रस्तुति.....हार्दिक शुभकामनाएं ....
जवाब देंहटाएंइतने सुंदर दोहों से आपने लोहिड़ी पर आनंद दिला दिया! मकर-संक्रांति पर हमारी मंगल कामनाएँ!!
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