गणतन्त्रदिवस की शुभवेला में,
आओ तिरंगा फहरायें।
देशभक्ति के गीत प्रेम से,
गांधी बाबा ने सिखलाई,
हमें पहननी खादी है,
बलिदानों के बदले में,
पाई हमने आजादी है,
मोह छोड़कर परदेशों का,
उन्नत अपना देश बनायें।
देशभक्ति के गीत प्रेम से,
आओ मिल-जुलकर गायें।।
नया साल-छब्बीस जनवरी,
खुशियाँ लेकर आता है,
बासन्ती परिधान पहन कर,
टेसू फूल खिलाता है,
सरसों के बिरुए खेतों में,
झूम-झूमकर लहरायें।
देशभक्ति के गीत प्रेम से,
आओ मिल-जुलकर गायें।।
पेड़ों की शाखाएँ सारी,
नयी-नयी कोपल पायेंगी,
अपने आँगन के अम्बुआ की,
डाली-डाली बौरायेंगी,
मुस्कानों से सुमन सलोने,
धरा-गगन को महकायें।
देशभक्ति के गीत प्रेम से,
आओ मिल-जुलकर गायें।।
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शनिवार, 25 जनवरी 2014
"गणतन्त्रदिवस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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देश हमारे लिये सर्वोपरि रहे।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .....(पर ये कैसा गणतन्त्र)
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें और बधाईयां...जय हिन्द...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएं६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति …………भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हो तो पहले खुद को बदलो
जवाब देंहटाएंअपने धर्म ईमान की इक कसम लो
रिश्वत ना देने ना लेने की इक पहल करो
सारे जहान में छवि फिर बदल जायेगी
हिन्दुस्तान की तकदीर निखर जायेगी
किस्मत तुम्हारी भी संवर जायेगी
हर थाली में रोटी नज़र आएगी
हर मकान पर इक छत नज़र आएगी
बस इक पहल तुम स्वयं से करके तो देखो
जब हर चेहरे पर खुशियों का कँवल खिल जाएगा
हर आँगन सुरक्षित जब नज़र आएगा
बेटियों बहनों का सम्मान जब सुरक्षित हो जायेगा
फिर गणतंत्र दिवस वास्तव में मन जाएगा
बहुत सुंदर देशभक्ति गीत ...गंणतंत्र -दिवस की शुभ कामनाएं महोदय ...
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