किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।। कहाँ गयीं मधुरस में भीगी निश्छल वो मुस्कानें, कहाँ गये वो देशप्रेम से सिंचित मधुर तराने, किसकी कारा में बन्दी है सोनचिरैया भोली। किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।। लुप्त कहाँ हो गया वेद की श्रुतियों का उद्-गाता, कहाँ खो गया गुरू-शिष्य का प्यारा-पावन नाता, ढोंगी-भगत लिए फिरते क्यों चिमटा-डण्डा-झोली। किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।। मक्कारों को दूध-मलाई मिलता घेवर-फेना, भूखे मरते हैं सन्यासी, मिलता नहीं चबेना, सत्याग्रह पर बरसाई जाती क्यों लाठी-गोली। किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।। लोकतन्त्र में राजतन्त्र की क्यों फैली है छाया, पाँच साल में जननायक ने कैसे द्रव्य कमाया, धरती की बेटी की क्यों है फटी घाघरा-चोली। किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।। |
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शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
"प्रश्नजाल-भारत की दुर्दशा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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लोकतन्त्र में राजतन्त्र की क्यों फैली है छाया,
जवाब देंहटाएंपाँच साल में जननायक ने कैसे द्रव्य कमाया,
धरती की बेटी की क्यों है फटी घाघरा-चोली।
किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।।
...sateek chitran
लोकतन्त्र में राजतन्त्र की क्यों फैली है छाया,
जवाब देंहटाएंपाँच साल में जननायक ने कैसे द्रव्य कमाया,
धरती की बेटी की क्यों है फटी घाघरा-चोली।
किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।।
....कटु लेकिन सटीक अभिव्यक्ति। आभार
bahut sahi chitran.
जवाब देंहटाएंकर्ता-धर्ता एक पार्टी, वही पुरानी टोली |
जवाब देंहटाएंजिसके घर पर सदा सजी है गिन्नी रंग रँगोली |
ठगा हमेशा जिसने भारत, जनता सीधी भोली |
जिसने खाई खूब सेवैयाँ, कभी न खेली होली |
आज इकठ्ठा हुवे उसी के, सखा सखी हमजोली |
आओ उनका तिलक करें हम, लेते आओ रोली ||
मक्कारों को दूध-मलाई मिलता घेवर-फेना,
जवाब देंहटाएंभूखे मरते हैं सन्यासी, मिलता नहीं चबेना,
सत्याग्रह पर बरसाई जाती क्यों लाठी-गोली।
किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।।
लोकतन्त्र में राजतन्त्र की क्यों फैली है छाया,
पाँच साल में जननायक ने कैसे द्रव्य कमाया,
धरती की बेटी की क्यों है फटी घाघरा-चोली।
किसने नदियों की धारा में विष की बूटी घोली।।
भारत दुर्दशा का सटीक चित्रण -एक मनहूस चेहरा देखो ,वो बैठी चर्च की बेटी ,भारत की करती रहती नित हेटी ...बहुत दर्द और कराह ,यथार्थ और आज का विद्रूप कथित उदारीकरण का "टाट" और "ठाठ " लिए है रचना ....धरती की बेटी की क्यों है फटी घाघरा चोली ...
कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों ?
सारी वादी उदास बैठी है...
जवाब देंहटाएंमौसम-ए-गुल ने खुदकशी कर ली...
किसने बारूद बोया बागों में....
खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन
जवाब देंहटाएंराग है, स्वरों में कोमल निशाद
और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम
इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में
पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री
भी झलकता है...
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में
चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
My page :: खरगोश
मक्कारों को दूध-मलाई मिलता घेवर-फेना,
जवाब देंहटाएंभूखे मरते हैं सन्यासी, मिलता नहीं चबेना
व्यवस्था पर गहरा कटाक्ष।
विशिष्ट
जवाब देंहटाएं--- शायद आपको पसंद आये ---
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उचित प्रश्नजाल है....मगर अफ़सोस कोई गिद्ध नहीं फँसेगा... :(
जवाब देंहटाएं~सादर !!!
किसने नदिया जल में है विषधारा घोली ?
जवाब देंहटाएंसबको पता है पर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ?
सटीक, सुंदर और सामयिक