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आजकल खूब सावन बरस रहा है आपकी कलम से सुन्दर कविता बधाई
जवाब देंहटाएंझुक गईं शाखाएं स्वागत में तुम्हारे, बहुत ही सुन्दर कविता बधाई ।
जवाब देंहटाएंadarneey mayankji...............,
जवाब देंहटाएंnamaskaar
aaj ka ye geet meri drishti me bahut khaas hai
kamaal hai
sachmuch kamaal hai
barkhaa k samast swaroopn aur saundarya ko
itne saral sahaj shabdon me abhivyakt karke aapne hindi ke kosh ko aur smriddh karne me mahti bhoomika nibhaai hai
aapka abhinandan !
hardik abhinandan !
शानदार।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
aap aise hi sawan barsate rahein apne geeton ke jariye taki uski kuch fuharein yahan bhi padti rahein.
जवाब देंहटाएंबरसात की तरह आप भी रचनाओं की सुन्दर फुहार लुटा रहे हैं............ लाजवाब रचना है..........
जवाब देंहटाएंबहुत सरस रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
bahut sundar
जवाब देंहटाएंझुक गईं शाखाएँ स्वागत में तुम्हारे।
जवाब देंहटाएंआ गई वर्षा हमारे आज द्वारे।।
सर पर मुम्बई मे बरसात बहुत कम है। कुछ करिए जी!!
आपकी सुन्दर कविता के लिए धन्यवाद
आभार/ मगल भावनाऐ
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
SELECTION & COLLECTION
अच्छा है कि आपके यहां वर्षा रानी आ गयीं.
जवाब देंहटाएंझुक गईं शाखाएँ स्वागत में तुम्हारे।
जवाब देंहटाएंआ गई वर्षा हमारे आज द्वारे।।
सुन्दर कविता बधाई...
वाह आपकी रचनाओं में तो खूब बारिश होती है...मजा आ जाता है
जवाब देंहटाएंसर, आपने बिलकुल ठीक कहा कि हम टिप्पणियाँ लेने में माहिर हैं। इसका कारण वही कि नये लोगों को अधिक से अधिक टिप्पणी करके उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। बाकी आप जैसा समझें।
जवाब देंहटाएंआपके स्नेह की सदैव चाह रहेगी।
बढ़िया चित्र और बेहद सुंदर रचना! बहुत अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएं