-- हमको प्राणों ,से प्यारा, हमारा वतन। सारे संसार में, सब से न्यारा वतन।। गंगा-जमुना निरन्तर, यहाँ बह रही, वादियों की हवाएँ, कथा कह रही, राम और श्याम का है, दुलारा वतन। सारे संसार में, सब से न्यारा वतन।1। बुद्ध-गांधी अहिंसा के आधार थे, सत्य नौका की मजबूत पतवार थे, जान वीरों ने देकर, सँवारा वतन। सारे संसार में, सब से न्यारा वतन।2। शैल-शिखरों पे, संजीवनी की छटा, सर्दी-गर्मी कभी है, कभी घन-घटा, कितनी सुन्दर धरा, कितना प्यारा गगन। सारे संसार में, सब से न्यारा वतन।3। पेड़-पौधों का, निखरा हुआ रूप है, घास है मखमली, गुनगुनी धूप है, साधु-सन्तों ने तपकर, निखारा वतन। सारे संसार में, सब से न्यारा वतन।4। सबको पूजा-इबादत का, अधिकार है, सर्व धर्मों का सम्भाव-सत्कार है, दीन-दुखियों को देता, सहारा वतन। सारे संसार में, सब से न्यारा वतन।5। -- |
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रविवार, 26 जनवरी 2025
देशभक्ति गीत "संसार में सब से न्यारा वतन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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