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शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
‘‘सावधान! जूते चप्पल बाहर ही उतार कर आयें।’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं।
उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं।
रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घोषणाएँ हो रही हैं-
‘‘भाइयों और बहनों!
आज आपके नगर में माननीय..........................पधार रहे हैं।
आपसे पुरजोर अपील है कि उनके विचारों को सुनने के लिए अवश्य पधारें।’’
उद्घोषणा का असार हुआ और लोग सभा-स्थल पर पहुँचने लगे।
प्रवेश-द्वार पर दोनों ओर जूते-चप्पल जमा करने के लिए स्टाल लगे थे।
स्टालों पर बड़े-बड़े शब्दों में लिखा हुआ था-
‘‘लोक-तन्त्र के देवता के दर्शन करने और
उनको सुनने के लिए- कृपया जूते चप्पल यहाँ जमा करायें।’’
‘सभा में जूते-चप्पल पहिन कर जाना सख्त मना है।’
सच ही कहा कि भैया! जूते का रौब गालिब है।
जूतों से सब भयभीत हैं।
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क्या करें साहब? आजकल जमाना जूतामय हो रहा है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
सत्य वचन शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंPlease read this article about...
जवाब देंहटाएंBlogging And Password Hacking Part-I
जूता जेब में छिपाकर ले जायेंगे, और निशाना लगाकर दे मारेंगे! हमारी भी फोटू छपेगी! :)
जवाब देंहटाएंलगातार जैसी घटनाएं घट रही है ... उसे देखते हुए आपने सही कल्पना की है ... बहुत बढिया कहा।
जवाब देंहटाएंto jooja puran wahan bhi pahunch hi gaya
जवाब देंहटाएंjai ho joote ki.
जूतों से सब भयभीत हैं...बुश पर लैदर शू.. चिदंबरम पर स्पोर्ट्स शू.. अब मामला खड़ाऊ तक पहुंच गया है.. थोड़े दिन में हवाई चप्पल होगी.. और उसके बाद पता नहीं क्या...
जवाब देंहटाएंआशीष जी, सबसे अंत में तो नंगे पैरों लात ही मारनी पड़ेगी! कम से कम उसे कोई "उतरवाकर" बाहर नहीं रखवा सकता है!
जवाब देंहटाएंसही कहा, पर जनता से उसका यह अन्तिम हथियार भी यूं ही छीन लिया जाएगा?
जवाब देंहटाएं----------
जादू की छड़ी चाहिए?
नाज्का रेखाएँ कौन सी बला हैं?
लगता है शास्त्री जी आपने उसके बाद का फॉलो अप नहीं किया. उसके बाद हुआ ये कि जो सज्जन जूते बटोरने वाले काउंटर पर बैटाए गए थे, उन्होने ही सारे जूते बटोरे और ले जाकर कर दी बारिश जूतों की नेता जी के सिर. हा-हा-हा.........
जवाब देंहटाएंजूतों से सब भयभीत हैं
जवाब देंहटाएंसुन्दर जूता पुराण .............आपने खूबसूरत अंदाज से रोचक तरीके से राखी है अपनी बात
जूते जूते पे लिखा है खाने वाले का नाम ....
जवाब देंहटाएंकितना ही कोशिश कर ले नेताजी ..वह चोरी छिपे आ ही जाएगा