-- शिव मन्दिर में ला रहे, भक्त आज उपहार। दर्शन करने के लिए, लम्बी लगी कतार।१। -- बेर-बेल के पत्र ले, भक्त चले शिवधाम। गूँज रहा है भुवन में, शिव-शंकर का नाम।२। -- काँवड़ लेकर आ गये, भाई-बहन अनेक। पावन गंगा नीर से, करने को अभिषेक।३। -- जंगल में खिलने लगा, सेमल और पलाश। हर-हर, बम-बम नाद से, गूँज रहा आकाश।४। -- गेँहू बौराया हुआ, सरसों करे किलोल। सुर में सारे बोलते, हर-हर, बम-बम बोल।५। -- शिव जी की त्रयोदशी, देती है सन्देश। ग्राम-नगर का देश का, साफ करो परिवेश।६। -- देवों ने अमृत पिया, नहीं मिला वो मान। महादेव शिव बन गये, विष का करके पान।७। -- नर-वानर-सुर मानते, जिनको सदा सुरेश। विघ्नविनाशक के पिता, जय हो देव महेश।८। -- सच्चे मन से जो करे, शिव-शंकर का ध्यान। उसको ही मिलता सदा, भोले का वरदान।९। -- शंकरमय होने लगे, नगर
और देहात। पूरी करती कामना, शिवजी
की शिवरात।१०। -- शिवतेरस के पर्व में, रखना
धैर्य-विवेक। भक्ति भाव से कीजिए, शिवजी
का अभिषेक।११। -- शिव के मन्दिर में चलो, सच्चे
मन के साथ।। मनचाहे वरदान को, देते
भोलेनाथ।१२। -- शंकर जी के रंग में, रँगे
नगर-देहात। आयी खुशियाँ बाँटने, शिवजी की शिवरात।१३। -- |
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बुधवार, 26 फ़रवरी 2025
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