हम भारत के भाग्य विधाता, नया राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
गौतम, गाँधी, इन्दिरा जी की, हम ही तो तस्वीर हैं,
हम ही भावी कर्णधार हैं, हम भारत के वीर हैं,
भेद-भाव का भूत भगा कर, चारु राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
चम्पा, गेन्दा, गुल-गुलाब ने, पुष्प-वाटिका महकाई,
हिन्द, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में भाई-भाई,
सब मिल-जुल कर आपस में, सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण करेगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
भगतसिंह, अशफाक -उल्ला की, आन न हम मिटने देगे,
धर्म-मजहब की खातिर अपनी ,शान न हम मिटने देंगे,
कौमी -एकता को अपना कर धवल -राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर,हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
दिशा-दिशा में, नगर-ग्राम में, बीज शान्ति के उपजायेंगे,
विश्व शान्ति की पहल करेंगे, राष्ट्र पताका लहरायेंगे,
भारत के सच्चे प्रहरी बन, स्वच्छ राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
"भारत के सच्चे प्रहरी बन, स्वच्छ राष्ट्र निर्माण करेंगे।
जवाब देंहटाएंदेश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।।"
बहुत अच्छे विचार हैं।
बधाई!
इस कविता को पढ़कर एक भावनात्मक राहत मिलती है।
जवाब देंहटाएं