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वाह ! शास्त्री जी , क्या तस्वीर खींची है सच में मन मुग्ध हो गया !
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुती और मनमोहक तस्वीर /
जवाब देंहटाएंवाह उस्ताद वाह !!!
जवाब देंहटाएंअब आप यह मत कहना ................... वाह नैनीताल कहिये !!
बहुत बढ़िया पोस्ट घर बैठ बैठ घुमवा दिया आपने !!
ये तो बढ़िया रहा, फोटो ने पूरी सैर करा दी हमें भी ...एन्जॉय !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता ओर अति सुंदर चित्र मजे दार
जवाब देंहटाएंदिखाकर मन ललचा दिया..
जवाब देंहटाएंwaah sundar tasveerein aur sundar kavita
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब कविता रची है जी. ठंडक पड गई इस गर्मी में.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सुंदर चित्रों के साथ....सुंदर पोस्ट...
जवाब देंहटाएंवाह...चित्र और कविता दोनों ही आनंद दायक...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंगीत सुन्दर है..तस्वीरें मनभावन!
जवाब देंहटाएंमैं करीब पंद्रह साल पहले नैनीताल घूमने गयी थी और आपकी रचना एवं सुन्दर तस्वीरें देखकर यादें ताज़ा हो गयी! बहुत ख़ूबसूरत और मनमोहक जगह है नैनीताल, रानीखेत, अल्मोरा और कौसानी!
जवाब देंहटाएंआपने तो बचपन याद करा दिया :( ..कितनी खूबसूरत तस्वीरें हैं .
जवाब देंहटाएंआप नैना देवी का मंदिर तो भूल ही गए :)
मंत्र मुग्ध कर दिया आपने
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