![]() प्यार दिल में है मगर हमसे जताया नहीं जाता चीर कर अपना ज़िग़र हमसे दिखाया नहीं जाता खूबसूरत है मगर है बड़ी ज़ालिम दुनिया साफगोई से कोई रिश्ता निभाया नहीं जाता सामने है मिरे पकवान से भरी थाली बिन तुम्हारे तो कोई कौर भी खाया नहीं जाता जफा के बदले में हमने वफा हमेशा की किन्तु पत्थर को कभी मोम बनाया नहीं जाता “रूप” दिखाओ तो सही रस्म निभाओ तो सही बिन इबादत के कभी मोक्ष को पाया नहीं जाता |
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नव-वर्ष की मंगल कामनाएं ||
जवाब देंहटाएंधनबाद में हाजिर हूँ --
वाह...बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंदाद कबूल करें सर.
सुंदर... अति सुंदर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंbahut achcha likhe hain.....
जवाब देंहटाएं“रूप” दिखाओ तो सही रस्म निभाओ तो सही
जवाब देंहटाएंबिन इबादत के कभी मोक्ष को पाया नहीं जाता
वाह वाह शास्त्री जी
बस वाह वाह वाह.
प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार जी.
प्यार दिल में है मगर हमसे जताया नहीं जाता
जवाब देंहटाएंचीर कर अपना ज़िग़र हमसे दिखाया नहीं जाता
bahut sundar likha hai sir....
वाह!
जवाब देंहटाएंवाह वाह!!
वाह वाह वाह!!!!!!बहुत सुंदर बेहतरीन रचना
वाह वाह!!
वाह!
बिन इबादत के कभी मोक्ष को पाया नहीं जाता वाह !!!! बहुत खूब लिखा है आपने समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएं“रूप” दिखाओ तो सही रस्म निभाओ तो सही
जवाब देंहटाएंबिन इबादत के कभी मोक्ष को पाया नहीं जाता,
. . .वाह ! ! बहुत खूब.
बड़े ही सरल भाव से बता दी गयीं गहन बातें।
जवाब देंहटाएंबिन इबादत के कभी मोक्ष को पाया नहीं जाता
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत खूब...
वैचारिक ताजगी लिए हुए रचना विलक्षण है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंatisundar
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजीवन के विभिन्न सरोकारों से जुड़ा नया ब्लॉग 'बेसुरम' और उसकी प्रथम पोस्ट 'दलितों की बारी कब आएगी राहुल ...' आपके स्वागत के लिए उत्सुक है। कृपा पूर्वक पधार कर उत्साह-वर्द्धन करें
वाह!बहुत ही अच्छा..
जवाब देंहटाएंbahut achha!
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह ...
जवाब देंहटाएंसच! शास्त्री जी ?
जवाब देंहटाएंखूबसूरत है मगर है बड़ी ज़ालिम दुनिया
साफगोई से कोई रिश्ता निभाया नहीं जाता
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-749:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
बहुत सुंदर स्टीक
जवाब देंहटाएंबिन इबादत के कभी मोक्ष को पाया नहीं जाता
जफा के बदले में हमने वफा हमेशा की
जवाब देंहटाएंकिन्तु पत्थर को कभी मोम बनाया नहीं जाता
वाह बहुत खूब