![]() मेरी मझली बहन वीरमति अब स्मृतिशेष है। --
25 जनवरी, 2017 का मनहूस दिवस था। कल मेरी मझली बहन को सुबह 6 बजे हृदय आघात हुआ। आनन-फानन में बरेली के दीपमाला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहाँ का डॉक्टर डाइग्नोसिस नहीं कर पाया और सर्दी के कारण इंफेक्सन का उपचार करता रहा। शाम को 5 बजे जब नीचे का रक्तचाप शून्य हो गया तो उसने बीस हजार रुपये लूटने के बाद जवाब दे दिया। तत्पश्चात बरेली के प्रख्यात अस्पताल गंगाशील में बहन को आई.सी.यू. में एडमिट करा दिया गया।
वहाँ के एम.डी और हृदय रोग सर्जन डॉ. निशान्त गुप्ता की टीम उपचार में जुट गयी। येन-केन प्रकारेण नीचे का 25 और ऊपर का बी.पी. 86 आ गया। हम लोग भी कल 25 तारीख को सुबह 10 बजे गंगाशील अस्पताल पहुँच गये। बहन की हालत स्थिर उस समय जैसी लगी। मैंने बहन से कहा कि मैं खटीमा से आ गया हूँ। उसने आँख खोली और उसकी आँखों में आँसू आ गये। डॉक्टरों की टीम ने कहा कि रोगी को सैंस पूरा है। तब तक वो लोग भी पचास हजार लूट चुके थे। उसके बाद हम लोग रुड़की बाले छोटे बहनोई चन्दशेखर को लेने के लिए बरेली जंक्शन चले गये। तभी बड़े भानजे कमलकान्त का फोन आया कि डॉक्टर मम्मी को डायलेसिस और वैंटिलेटर पर रखने के लिए कह रहे हैं। मैंने डॉक्टर से बात की तो उसने कहा कि हालत में सुधार है। वेंटीलेटर और डायलिसिस ठीक हो जायेंगी। हम लोग जब अस्पताल पहुँचे तो बहन की साँस चल रही थी। हम लोगों ने डॉ. निशान्त गुप्ता से मुलाकात की तो उन्होंने सकारात्मक उत्र दिया और कहा कि कल से सुधार है। मैंने भानजे को 40,000 रुपये दिये और खटीमा के लिए प्रस्थान किया। घर पहुँचा ही था कि फोन आया कि मम्मी जी अब नहीं रहीं। सच पूछा जाये तो बहन के प्राण-पखेरू दिन में 1 जे ही उड़ गये थे और डॉक्टरों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए उसके मृत शरीर को वेंटिलेटर पर रखा था और हमें दिलासा दिलाने के लिए कृत्रिम साँस दिला रहे थे। ताकि जाते-जाते और पैसा लूट सकें। यह है हमारे देश के डाक्टरों की मानसिकता। जो डाक्टरों के चोले में सिर्फ और सिर्फ कसाई हैं। ![]() ![]() ![]() ![]() |
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भावपूर्ण श्रद्धांजली...
जवाब देंहटाएंईश्वर आप सभी परिजनों को इस आघात को सहन कर सकने की शक्ति दें.
दुख:द समाचार। श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंॐ शांति ! भावपूर्ण श्रद्धांजली...
जवाब देंहटाएंआपका कहना एकदम दुरुस्त है कि अधिकांशतः यह देखा जा रहा है कि निजी अस्पताल और चिकित्सक येनकेन प्रकारेण मरीज के परिजनों को इस प्रकार लूट रहे हैं जो निंदनीय है ।
ईश्वर आप सभी परिजनों को इस आघात को सहन कर सकने की शक्ति दें.............
''लूट लिया जब सब मरीज़ का डाक्टरों ने अर्ज़ किया ,
जो पहले ही कह देना था 'बस गंगा जल ले आओ' ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
http://www.kavitavishv.com/2013/02/blog-post_5048.html
बहिने चिड़िया धूप की, दूर गगन से आएं.....भगवान् उनकी रूह को सुकून दे
जवाब देंहटाएंभावभीनी श्रद्धांजलि !ईश्वर आपकी बहन की आत्मा को शांति प्रदान करें तथा आप सभी को इस दुखद घटना से उबरने का साहस प्रदान करें.
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