सब रचनाओं पर देते हैं।
सुन्दर-बढ़िया लिख करके,
निज जान छुड़ा भर लेते हैं।।
कुछ तो बिना पढ़े ही,
केवल कॉपी-पेस्ट किया करते हैं।
खुश करने को बदले में ही,
वो प्रतिदान दिया करते हैं।।
रचना के बारे में भी तो,
कुछ ना कुछ लिख दिया करो।
आँख मूँद कर, एक तरह की,
नहीं टिप्पणी किया करो।।
पोस्ट अगर मन को ना भाये,
पढ़ो और आगे बढ़ जाओ।
बिल्कुल नहीं जरूरी,
तुम बदले में उसको टिपियाओ।।
यदि ज्ञानी, विद्वान-सुभट हो,
प्रेम-भाव से समझाओ।
अपमानित करने वाली,
मत सीख यहाँ पर सिखलाओ।।
श्रेष्ठ लेख या रचनाओं को,
टिप्पणियों से मत मापो।
सत्संग और प्रवचनों को,
घटिया गानों से मत नापो।।
जालजगत पर जबसे आये,
तबसे ही यह मान रहे हैं।
टिप्पणियों के भूखे,
गुणवानों को भी पहचान रहे हैं।।
दुर्बल पौधों को ही ज्यादा,
पानी-खाद मिला करती है।
चालू शेरों पर ही अक्सर,
ज्यादा दाद मिला करती है।। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
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रविवार, 3 जून 2018
कविता "मत सीख यहाँ पर सिखलाओ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (04-06-2018) को "मत सीख यहाँ पर सिखलाओ" (चर्चा अंक-2991) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी