स्वयं मिट जायेगी दूरी, अगर है कामना
सच्ची।
मिलेगी प्यार की नेमत, अगर है भावना अच्छी।। जलेंगे दीप खुशियों के, अगर हो स्नेह की बाती। बनेंगे गैर भी अपने, अगर हो नेह की पाती।। इरादे नेक होंगे तो, समन्दर थाह दे देंगे। अगर मजबूत जज्बा है, सिकन्दर राह दे देंगे।। अगर तुलसी सी भक्ति है, तो मिलने राम आयेंगे। जो है मीरा सी आसक्ति, तो मिलने श्याम आयेंगे।। |
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रविवार, 18 अगस्त 2013
"सिकन्दर राह दे देंगे" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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सुंदर सृजन लाजबाब प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : सुलझाया नही जाता.
जरूर आयेंगे !
जवाब देंहटाएंसुंदर !
सच्चाई की बड़ी आवश्यकता है हमें.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत ही सुंदर सार्थक और बेहतरीन प्रस्तुती, आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
जवाब देंहटाएंsundar rachna!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएं