प्रेम दिवस पर सभी
को, लगा प्रेम का रोग।
झूठे मन से कर रहे,
प्रणय-निवेदन लोग।१।
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प्रेमदिवस के रंग
में, रँगा देश है आज।
छोड़ स्वदेशी
सभ्यता, पागल हुआ समाज।२।
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आवारा षटपद हुए,
कलियाँ हैं हैरान।
इन्सानों के भेष
में, घूम रहे हैवान।३।
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प्रेमदिवस पर छा
गये, इन्द्रधनुष के रंग।
पंछी उड़ते पंखबिन,
बदले जीवन ढंग।४।
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प्यार नहीं है
वासना, यह अभिनव उपहार।
करना है तो कीजिए, दिल
से सच्चा प्यार।५।
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लाजबाब,दोहे ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: पिता
waah bahut sundar prem mayi dohe prem ke rang me range huye hardik badhai aapko
हटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 15/02/2014 को "शजर पर एक ही पत्ता बचा है" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1524 पर.
प्रेमदिवस पर छा गये, इन्द्रधनुष के रंग।
जवाब देंहटाएंपंछी उड़ते पंखबिन, बदले जीवन ढंग।४।
सुन्दर...
:-)
प्रेम दिवस के सतही खोखलेपन को बखानते सार्थक दोहे ! सुन्दर प्रस्तुति ! बधाई शास्त्रीजी !
जवाब देंहटाएंहर दिन, हर पल, प्रेम सुवासित जीवन हो।
जवाब देंहटाएंप्रेम एक दिन का नहीं सद सर्वदा के लिए होता है ...बढ़िया दोहे !
जवाब देंहटाएंnew post बनो धरती का हमराज !
प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति.......
जवाब देंहटाएंवही पत्ते, वही डाली,
जवाब देंहटाएंवही भोजन, वही थाली,
वही वो हैं वही हम हैं!
दिलों में उल्फतें कम हैं!!
बढ़िया निवेदन और चित्र प्रेम -प्रस्ताव दिवस का ,देह अनुराग दिवस ,बन जाता कुछ के लिए संत्रास दिवस।
17-yr-old Delhi girl lured to V -Day party ,raped TOI ,TIMES NATION ,P7 ,THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,EPAPER.TIMESOFINDIA.COM
जवाब देंहटाएंएक दिन चढ़नेवाला ज्वार कहें अगर इस दिवस को ?
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