क्या खोया क्या पा
लिया, करे कौन पड़ताल।।
--
मना रहा है
जन्मदिन, मेरा कुल परिवार।
अपने-अपने ढंग से,
लाये सब उपहार।।
--
जीवन-साथी चल रहा,
थाम हाथ में हाथ।
चार दशक से अधिक
से, हम दोनों हैं साथ।।
--
धीरे-धीरे कट गये,
अपने पैंसठ साल।
प्यार और तकरार
में, हुआ न कभी बबाल।।
--
होते घर-परिवार
में, कभी-कभी मतभेद।
किन्तु न होने
चाहिएँ, आपस में मनभेद।
--
सुख सरिता में हो
सदा, सीधा-सरल बहाव।
पार करे भवसिन्धु
को, जीवन की ये नाव।।
--
ज्यादातर तो कट
गयी, थोड़ी है अवशेष।
गुज़र जाय वो शान
से, जितनी भी है शेष।।
--
जगतनियन्ता आपसे,
इतना है अनुरोध।
जब तक इस जग में
रहूँ, रखना मुझे सुबोध।।
--
होते बढ़ती उमर
में, शिथिल सभी के अंग।
मेधा मेरे भाल से,
कभी न करना भंग।।
--
ईश सदा करना कृपा,
लगे न कोई रोग।
अन्तसमय तक अंग
सब, मेरे रहें निरोग।।
--
बीत गये सुख के
यहाँ, पैंसठ आज बसन्त।
देने को शुभकामना,
आये हैं श्रीमन्त।।
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दिल से निकली भावना,
है सच्चा उपहार।
जन्मदिवस पर सभी
का, करता हूँ आभार।।
|
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बुधवार, 3 फ़रवरी 2016
दोहे "4 फरवरी-जन्मदिन है आज मेरा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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