पूज्य पिता जी आपको श्रद्धापूर्वक नमन।
2014 में आज ही के दिन आप विदा हुए थे।
पूज्य पिता जी आपका, वन्दन शत्-शत् बार।
बिना आपके हो गया, जीवन मुझ पर भार।।
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बचपन मेरा खो गया, हुआ वृद्ध मैं आज।
सोच-समझकर अब मुझे, करने हैं सब काज।।
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जब तक मेरे शीश पर, रहा आपका हाथ।
लेकिन अब आशीष का, छूट गया है साथ।।
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प्रभु मुझको बल दीजिए, उठा सकूँ मैं भार।
एक-नेक बनकर रहे, मेरा ये परिवार।।
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शनिवार, 29 जुलाई 2017
"पूज्य पिता जी आपको श्रद्धापूर्वक नमन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बड़ों के रहते एक संबल बना रहता है
जवाब देंहटाएंसटीक श्रधांजलि
जवाब देंहटाएंunhe shraddhanjali hai..
जवाब देंहटाएं