कितने बदल गये हैं बन्दे।।
शब्दकोश तक रह गया, अब तो जग में प्यार।
अपने सुख के ही लिए, करते सब व्यापार।।
भोग-विलासों में सब अन्धे।
कितने बदल गये हैं बन्दे।।
मतलब में पहचानते, करते प्यार-अपार।
हित-साधन के बाद में, देते हैं दुत्कार।।
निशिदिन फेंक रहे हैं फन्दे।
कितने बदल गये हैं बन्दे।।
ग्राम-नगर, परदेश में, फैला इनका जाल।
कुटिलचाल चलते हुए, कमा रहे है माल।।
दुनिया भर में फैले धन्धे।
कितने बदल गये हैं बन्दे।।
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गंदा है पर धंधा है !
जवाब देंहटाएंसटीक।
जवाब देंहटाएंदुनिया भर में फैले धन्धे।
जवाब देंहटाएंकितने बदल गये हैं बन्दे।।
.. सटीक सामयिक चिंतनशील रचना
सटीक रचना
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