-- मेरे प्यारे वतन, जग से न्यारे वतन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। -- अपने पावों को रुकने न दूँगा कहीं, मैं तिरंगे को झुकने न दूँगा कहीं, तुझपे कुर्बान कर दूँगा मैं जानो तन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। -- जन्म पाया यहाँ, अन्न खाया यहाँ, सुर सजाया यहाँ, गीत गाया यहाँ, नेक-नीयत से जल से किया आचमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। -- तेरी गोदी में पल कर बड़ा मैं हुआ, तेरी माटी में चल कर खड़ा मैं हुआ, मैं तो इक फूल हूँ तू है मेरा चमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। -- स्वप्न स्वाधीनता का सजाये हुए, लाखों बलिदान माता के जाये हुए, कोटि-कोटि हैं उनको हमारे नमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। -- जश्ने आजादी आती रहे हर बरस, कौम खुशियाँ मनाती रहे हर बरस, देश-दुनिया में हो बस अमन ही अमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। -- |
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गुरुवार, 15 अगस्त 2024
गीत "मेरे प्यारे वतन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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