बहन रेखा श्रीवास्तव ने यह बालगीत मुझे मेल से भेजा है। उन्होंने इच्छा प्रकट की थी कि इसे मैं "नन्हे सुमन" ब्लॉग पर लगाऊँ। लेकिन उच्चारण पर यातायात अधिक है। इसलिए मैं इसे यहाँ प्रकाशित कर रहा हूँ। माँ मुझको तू दे दे तिरंगा, अब मैं भी सीमा पर जाऊँगा। दुश्मन को मैं खोज खोज कर, प्रेम औ' शांति का पाठ पढ़ाऊँगा। शांति - प्रेम का पाठ पढ़ाकर, मिल-जुल कर रहना सिखाऊँगा। दोस्त बने वे अगर प्रेम से, उनको अपने गले लगाऊँगा। दुश्मन बनकर रहना चाहें तो, बन्दूक की भाषा समझाऊंगा। माँ मुझको तू दे दे तिरंगा, अब मैं भी सीमा पर जाऊँगा। रेखा श्रीवास्तव इनके ब्लॉग हैं- http://kriwija.blogspot.com/ http://hindigen.blogspot.com/ http://rekha-srivastava. http://merasarokar.blogspot. http://katha-saagar.blogspot. |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
सोमवार, 13 अगस्त 2012
"बालगीत" (रेखा श्रीवास्तव)
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों स...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
Sundar evam prerak kavita.
जवाब देंहटाएं............
कितनी बदल रही है हिन्दी !
सुन्दर बालगीत |
जवाब देंहटाएंबधाई रेखा जी को ||
प्रेरक बालगीत,,,
जवाब देंहटाएंरेखाजी को इस रचना के लिए बहुत२ बधाई,,,,,,
स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
बहुत ही सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंसुंदर व प्रेरक बाल गीत !
जवाब देंहटाएंसाभार !
उत्कृष्ट
जवाब देंहटाएं--- शायद आपको पसंद आये ---
1. DISQUS 2012 और Blogger की जुगलबंदी
2. न मंज़िल हूँ न मंज़िल आशना हूँ
3. गुलाबी कोंपलें
बहुत ही सुन्दर बालगीत....
जवाब देंहटाएंप्रेरक और सुन्दर गीत.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिखी हैं आंटी!
जवाब देंहटाएंसादर
उत्कृष्ट कोटि का बाल गीत।
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar baal geet!
जवाब देंहटाएंrekhajee bahut achcha likhi hain.....
जवाब देंहटाएंवाह वाह बहुत ही प्रेरक और शानदार बालगीत रेखा जी को बधाई
जवाब देंहटाएं