आशा पर संसार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाएँ ही वृक्ष लगाती,
आशाएँ विश्वास जगाती,
आशा पर परिवार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाएँ श्रमदान कराती,
पत्थर को भगवान बनाती,
आशा पर उपकार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशा यमुना, आशा
गंगा,
आशाओं से चोला चंगा,
आशा पर उद्धार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाओं में बल ही बल है,
इनसे जीवन में हलचल है.
खान-पान आहार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाएँ हैं, तो
सपने है,
सपनों में बसते अपने हैं,
आशा पर व्यवहार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाओं के रूप बहुत हैं,
शीतल छाया धूप बहुत है,
प्रीत, रीत, मनुहार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाएँ जब उठ जायेंगी,
दुनियादारी लुट जायेंगी,
उड़नखटोला द्वार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
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सोमवार, 17 फ़रवरी 2014
"आशाएँ विश्वास जगाती" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आशा का संचार करती प्रेरक कविता।
जवाब देंहटाएंसादर
बढ़िया कथ्य उत्तम शैली-
जवाब देंहटाएंआभार गुरुवर ||
आशा से संचालित जीवन..
जवाब देंहटाएंबहुत ही स्फ़ूर्त रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रेरक कविता...!
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .,,,प्रेरणादायक कविता....
जवाब देंहटाएंआशा ही जीवन का आधार है
जवाब देंहटाएंआशा पर जीवन टिका है !
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