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बहुत सही कहा है - काश! जानवरों सा जज्बा हमारे भीतर भी होता.
जवाब देंहटाएंजानवर हो तो गये हैं बहुत हैं आस पास में :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज '
जवाब देंहटाएंतुलसी की दिव्य दृष्टि, विनम्रता और उक्ति वैचित्र्य ; चर्चा मंच 1914
पर भी है ।
so true.
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