बुलबुल गाये मधुर तराने, प्रेम-प्रीत का हो संसार।
नया साल मंगलमय होवे, महके-चहके घर परिवार।।
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ऋतुओं में सुख की सुगन्ध हो,
काव्यशास्त्र से सजे छन्द हों,
ममता में समानता होवे, मिले सुता को सुत सा प्यार।
नया साल मंगल मय होवे, महके-चहके घर-परिवार।।
फूल खिलें हों गुलशन-गुलशन,
झूम-झूमकर बरसे सावन,
नदियों में कल-कल निनाद हो, मोर-मोरनी गायें मल्हार।
नया साल मंगल मय होवे, महके-चहके घर-परिवार।।
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भेद-भाव का भूत न होवे,
कोई पूत कपूत न होवे,
हिन्दी की बिन्दी की गूँजे, दुनियाभर में जय-जयकार।
नया साल मंगल मय होवे, महके-चहके घर-परिवार।।
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