काले धन को रखने वालो,
सुनो खोलकर अपने कान।
ना खाया ना खाने दूँगा,
ये है मोदी का फरमान।।
--
बड़े नोट सब बन्द कर दिये,
किया अचानक यह ऐलान।
सन्न रह गयी पूरी दुनिया,
आपस में है खींचातान।।
--
माया और मुलायम बोले,
लग जायेगी तुझको हाय।।
राजनीति के कुशल खिलाड़ी,
मोदी तेरा बुरा हो जाय।
--
सड़कों पर अब लगे घूमने,
राहुल और केजरीवाल।
क्या होगा काले धन का अब,
मन में है बस यही मलाल।।
--
कलकत्ता से दिल्ली तक अब,
ममता बैनर्जी चिल्लाय।
कोस रहे हैं आज विरोधी,
सुर में सुर सब रहे मिलाय।।
--
सही दिशा में ठोस पहल है,
लेकिन जनता है हलकान।
पैसा सबको मिले बैंक में,
नियम करो कुछ तो आसान।।
--
बहुत दुखी करते जनता को,
अफरा-तफरी के कानून।
बैंकों में हैं लगीं कतारें,
आपाधापी और जुनून।।
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आम जरूरत के नोटों को,
छपवा लेते पहले आप।
दूरदर्शिता की शासक के,
तभी दिखाई देती छाप।।
|
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शनिवार, 19 नवंबर 2016
आल्हा (वीरछन्द) "मोदी का फरमान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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