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शुक्रवार, 10 नवंबर 2017
समीक्षा “सम्वेदना की नम धरा पर” (समीक्षक-डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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भावों की अभिव्यक्ति में में प्रवीण कवियित्री आदरणीया साधना जी की कविताओं एवं व्यक्तित्व का खूबसूरत विवेचन आपके शब्दों में अति मनमोहक और सराहनीय लगा आदरणीय।
जवाब देंहटाएंह्रदय से धन्यवाद एवं बहुत बहुत आभार आपका शास्त्री जी ! इन दिनों अमेरिका से बच्चे आये हुए हैं तथा घर में भी कुछ मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन होने के कारण कम्प्युटर खोलने तक का समय नहीं मिल पाया ! आपकी इस अनमोल समीक्षा को अभी ही देख पाई हूँ और तहे दिल से आपकी बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ ! विलम्ब से धन्यवाद ज्ञापन के लिए शर्मिन्दा हूँ ! आशा है क्षमा कर देंगे !
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