सड़क किनारे जो भी पाया,
पेट उसी से यह भरती है।
मोहनभोग समझकर,
भूखी गइया कचरा चरती है।।
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सड़क किनारे जो भी पाया,
पेट उसी से यह भरती है।
मोहनभोग समझकर,
भूखी गइया कचरा चरती है।।
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दूध निकलते समय कहाँ सोचते हैं की बेचारे बछड़े क्या खाएंगे?
जवाब देंहटाएंशहरों में तो कचरा ही मिलेगा उन्हें
मर्मस्पर्शी
बहुत खूब
जवाब देंहटाएं