लेकिन ब्लॉगिंग का नहीं, दिवस जगत में आज।।
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खोजे अन्तरजाल पर, सारे ही आलेख।
लेकिन चिट्ठा-दिवस का, मिला नहीं उल्लेख।।
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व्यापक चिट्ठे बहुत हैं, व्यापक अन्तरजाल।
ब्लॉगिंग-डे घोषित नहीं, इसका बहुत मलाल।।
मित्रों!
21 अप्रैल, 2003 को आलोक पुराणिक का हिन्दी का पहला ब्लॉग “नौ दो ग्यारह” सर्वप्रथम प्रकाश में आया था। उसके बाद तो अब तक बहुत सारे लोगों ने अपने ब्लॉग बना कर हिन्दी भाषा अभिवृद्धि में अपना योगदान दिया है।
हिन्दी ब्लॉगिंग के हास्य-व्यंग्य के पुरोधा पी.सी मुद्गल बनाम “ताऊ रामपुरिया” ने आवाज बुलन्द की है कि 1 जुलाई को ब्लॉगिंग-दिवस मनाया जाये। “देर आयद-दुरुस्त आयद” लेकिन उनकी इस पहल का मैं स्वागत करता हूँ।
चाहे दुनिया इस ओर सकारात्मक कदम बढ़ाये या न बढ़ाये मगर हम हिन्दी ब्लॉगरों ने तो 1 जुलाई के दिन को “चिट्ठाकारी दिवस” की घोषणा कर ही दी है।
मुझे आशा ही नहीं अपितु पूरा विश्वास है कि सभी चिट्ठाकारों का भरपूर समर्थन इस मुहिम को प्राप्त होगा।
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ब्लॉग्गिंग दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...सभी ब्लोगर बंधुओं को...
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने। आदरणीय ताऊ रामपुरिया जी को सादर आभार इस उत्तम पहल के लिए। सभी ब्लॉगर मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। सुप्रभात और प्रणाम। 🙏🙏🙏
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