अब तो तीन तलाक का, गया जमाना बीत।
दोनों सदनों में हुई, मोदी जी की जीत।१।
--
कठमुल्लाओं की कटी, सरेआम
अब नाक।
जनमत ने है कर दिया, खारिज
तीन तलाक।२।
--
सबको लाना चाहिए, मजहब
पर ईमान।
लेकिन तीन तलाक को, कहता
नहीं कुरान।३।
--
खवातीन पर अब नहीं, होगा
अत्याचार।
पास विधेयक हो गया, जीत
गई सरकार।४।
--
पढ़े-लिखे सब मानते, मिला
नारि को न्याय।
कट्टरपंथी कह रहे, अब
इसको अन्याय।५।
--
लोकतन्त्र के सदन में, हारे
बड़े वकील।
अपनी-अपनी दी यहाँ, सबने
खूब दलील।६।
--
समता और समानता, जीवन
का आधार।
जीत हो गयी न्याय की, गये विपक्षी हार।७।
--
लोकतन्त्र में निहित हैं, मूलभूत
अधिकार।।
दाँत पीस कर रह गये, सारे
ठेकेदार।८।
|
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बुधवार, 31 जुलाई 2019
दोहे "कठमुल्लाओं की कटी, सरेआम अब नाक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 1.8.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3414 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
नकटे होकर भी टेर नहीं छोड़ रहे :-(
जवाब देंहटाएंब्लॉग पंच में आपकी इस शानदार पोस्ट की चर्चा की गई है | ब्लॉग लेखको की पोस्ट ज्यादा लोगो तक पहुंचे यही कारण से शूरू किया है " ब्लॉग पंच " कृपया एक बार देखकर अपनी राय वहाँ जरुर रखे https://bit.ly/338eELo
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ,
आपकी इस ब्लॉगपोस्ट की शानदार चर्चा हमारे ब्लॉग पंच के एपिसोड में की गई है ।
जवाब देंहटाएंजिसमे हमने 5 ब्लॉग लिंक पर चर्चा की है और उसमें से बेस्ट ब्लॉग चुना जाएगा पाठको की कमेंट के आधार पर ,चर्चा की गई 5 लिंक में से एक ब्लॉग आपका भी है
ब्लॉग पंच का उद्देश्य मात्र यही है कि आपके ब्लॉग पर अधिक पाठक आये और अच्छे पाठको को अच्छी पोस्ट पढ़ने मीले ।
एक बार पधारकर आपकी अमूल्य कमेंट जरूर दे
आपका अपना
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