अपने सेनाध्यक्ष ने, किया यहाँ ऐलान।
पूरा ही कश्मीर है, भारत का उद्यान।।
--
महिला हों या
पुरुष हों, सभी आज उन्मुक्त।
यही कामना कर
रहे, न्याय मिले उपयुक्त।।
--
अब आधा कश्मीर
है, हमें नहीं मंजूर।
पी.ओ.के. को
छीनकर, देंगे मिटा गुरूर।।
--
होंगे फिर आजाद अब,
सिंध-बिलोचिस्तान।
मिट जायेगा धरा
से, कट्टर पाकिस्तान।।
--
अब आधा कश्मीर तो,
नहीं हमें स्वीकार।
हम पूरे कश्मीर
पर, कर लेंगे अधिकार।।
--
अपने हक के लिए
अब, करनी होगी जंग।
देखेगा पूरा जगत,
केसरिया का रंग।।
--
केवल धमकी भर
नहीं, भारत की हुंकार।
चलती है संकल्प
से, मोदी की सरकार।।
|
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शनिवार, 27 जुलाई 2019
दोहे "देंगे मिटा गुरूर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
27/07/2019 को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28 -07-2019) को "वाह रे पागलपन " (चर्चा अंक- 3410) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी
वंदेमातरम !
जवाब देंहटाएंराष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत सुंदर दोहे ..🙏
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएं