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शास्त्री जी होली की अग्रिम शुभ कामनाए --
जवाब देंहटाएं"बुरा न मानो होली है" --होली के सुअवसर पर आपकी एक रंगा रंग भेट ---बधाई |
कभी कभी शब्द कम पड़ जाते हैं आपकी रचनाओं के बारे में लिखने के लिये..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्टें पढंकर होली की रंग, तरंग और भंग चढ़ती जा रही है।
जवाब देंहटाएंहोली की बधाई!
जवाब देंहटाएंहोली की त्यौहार पर मचता रहे धमाल
जवाब देंहटाएंभले बजाओ ढोलकी भले बजे फिर थाल
रंग रंगीली रचना। बधाई
sir holi ki agrim shubhkamnayen!!
जवाब देंहटाएंsir holi ki agrim shubhkamnayen!!
जवाब देंहटाएंआमन्त्रण को बाँटता, वासन्ती ऋतुराज।
जवाब देंहटाएंहिल-मिलकर सद्भाव से, खेलो जमकर फाग।
चहक रही रंगोली है।
बुरा न मानो होली है।......
होली का स्वागत करती रंगीन कविता. शुभकामना.
guru ji...
जवाब देंहटाएंholi a agayi samjho...
aapko bhi bahut bahut mubaark...
kya baat hai sir aapke.... happy holi... bouth sunder post hai ji aapka
जवाब देंहटाएंVisit my blog plz
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वाह वाह शास्त्री जी……………बहुत सुन्दर रंग उँडेले हैं और वैसे भी होली पर बुरा कैसे माना जा सकता है………आखिर रंगो बिना जीवन मे है ही क्या।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति, बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंहोली के अवसर पर बहुत ही सार्थक और रंगारंग प्रस्तुति..आभार
जवाब देंहटाएंआमन्त्रण को बाँटता, वासन्ती ऋतुराज।
जवाब देंहटाएंहिल-मिलकर सद्भाव से, खेलो जमकर फाग
होली के रंग में रंगे सारे दोहे बेहद सुन्दर और भावपूर्ण हैं !
आभार
होली पर सुन्दर प्रस्तुति ....बहुत से रंगों से रंग दिया ..
जवाब देंहटाएंलाजवाब.
जवाब देंहटाएंरामराम.
गेहूँ पर हैं बालियाँ, सरसों पर मुस्कान।
जवाब देंहटाएंअन्न देखकर खेत में, खुश होता इन्सान।
चहक रही रंगोली है।
बुरा न मानो होली है।
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बहुत सुंदर और क्या सजाया है होती पे.
चहकती, महकती रंगारंग होली की इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार सहित बधाई व शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंहोली के रंगारंग अवसर पर चुटीला अंदाज। वाह।
जवाब देंहटाएंहोली का सुन्दर स्वागत गीत ...!
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