नीचे से ऊपर
तलक, दूषित है परिवेश।
प्रश्न सभी के
सामने, कब सुधरेगा देश।।
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जनसेवक भी
भ्रष्ट हैं, नौकरशाही भ्रष्ट।
जनता बेचारी
बनी, भोग रही है कष्ट।।
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सरकारी अनुभाग
में, रिश्वत की भरमार।
आम आदमी पूछता,
ये कैसी सरकार।।
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दूध-दाल-तरकारियाँ,
बिकती ऊँचे दाम।
आज मिलावट हो
रही, बिल्कुल खुल्ले-आम।।
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बोतल बदली पेय की, बदल न पाया माल।
शासक चाहे कोई
हो, जनता है बेहाल।।
खटीमा
(उत्तराखण्ड)
दूध में पानी मिलाने का अद्भुत् तरीका। ![]() सहकारी दुग्ध संघ चम्पावत के कर्मचारियों द्वारा सरे आम बर्फ की 10 सिल्लियों को दूद के टैंकर में डाला जा रहा है। इसके दो फायदे हैं - पहला तो यह कि दूध खराब नहीं होगा। और दूसरा यह कि 7-8 कुन्टल पानी दूध में मिलाकर उसको दूध के दाम पर बेचा जायेगा। लाभ किन किन को मिलेगा ?.........
पहचान लीजिए इन मिलावटखोरों को-
![]() ![]() ![]() ![]() |
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शुक्रवार, 24 जुलाई 2015
दोहे "नौकरशाही भ्रष्ट" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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