कदम-कदम पर साथ निभाती।
कार हमारी हमको भाती।।
हिन्दीदिन पर इसको लाये।
हम सब मन में थे हर्षाये।।
आज आठवाँ जन्मदिवस है।
लेकिन अब भी जस की तस है।।
यह सफर की सखी-सहेली।
अब भी है ये नयी-नवेली।।
साफ-सफाई इसकी करते।
इसका ध्यान हमेशा धरते।।
सड़कों पर चलती मतवाली।
कभी न धोखा देने वाली।।
सदा सँवारो सबका जीवन।
चाहे जड़ हो या हो चेतन।।
पूरे घर को तुम हो भायी।
जन्मदिवस पर तुम्हें बधायी।
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गुरुवार, 14 सितंबर 2017
कविता "मेरी कार का आठवाँ जन्मदिवस" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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हैप्पी बर्थ डे । सुन्दर।
जवाब देंहटाएंमुबारकां, ऐसे ही घर की सदस्य बनी रहे, नवागंतुक के आने के बाद भी
जवाब देंहटाएंराजू : - ये कब मरेगी.....?
जवाब देंहटाएं