लघु कथा "माँ की ममता"
पता नहीं कब से प्रांजल के घर में बराम्दे
में लगी एसी की आउटर यूनिट में उसके पाइपों के बीच में बने निरापद स्थान पर एक चिड़िया
ने घोंसला बनाया हुआ था। जब एक दिन सुबह सफाई कर्मचारी पाइप से इस यूनिट पर पानी
मार रहा था तो उसने देखा कि पाइपों के बीच में चिड़िया घोंसले में बैठी है। प्रांजल ने कहा कि पानी डालो, चिड़िया उड़
जायेगी। मगर पानी की धार पड़ने पर भी चिड़िया नहीं भागी। जब उसने ध्यान से देखा
तो घोंसले में एक चिड़िया का बच्चा भी था। जिसे उसने पानी से बचाने के लिए अपने
पंखों से ढका हुआ था। यद्यपि चिड़िया के प्राण संकट में थे लेकिन फिर भी वह अपने
बच्चे की सुरक्षा में कवच बनकर बैठी थी। "यह होती है माँ की ममता।" |
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शुक्रवार, 9 जून 2023
लघु कथा "माँ की ममता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मार्मिक लघु कथा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन ममता से भरपूर
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