हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
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सुहानी चल रही पुरवा, सभी को भा गये बादल।
हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
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किसानों के मुखौटो पर, खुशी चमका गये बादल।
हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
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पहाड़ों से उतर कर, मेह को बरसा गये बादल।
हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
बहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंधरा में जो दरारें थी, मिटी बारिश की बून्दों से,
जवाब देंहटाएंकिसानों के मुखौटो पर, खुशी चमका गये
वाह!!!
बहुत सुंदर सामयिक लाजवाब गीत ।