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मोहक चित्रों संग बढ़िया जानकारी , शास्त्रीजी !
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चित्रमय जानकारी
जवाब देंहटाएंसही कहा ..“हरेला” उत्तराखण्ड की संस्कृति की धरोहर ..सुन्दर चित्रो के साथ सही जानकारी..आप को भी हार्दिक शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंjaankari dene ke liye shukriya.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआप को भी हार्दिक शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंआइये-
सादर ।।
आदरणीय पाठक गण !!
किसी भी लिंक पर टिप्पणी करें ।
सम्बंधित पोस्ट पर ही उसे पेस्ट कर दिया जायेगा 11 AM पर-
एक नए पर्व की जानकारी के लिए आभार ..
जवाब देंहटाएंमोहक चित्रों संग बढ़िया जानकारी.... आभार ..
जवाब देंहटाएंयही शुभकामना है हमारी...कि ये हरेला खूब बढ़े तथा देश में बहुत अच्छी फसल लहलहाए...व आपके घर में समृद्धि, शांति का वास हो..
जवाब देंहटाएंसादर!
हमारे यहां भी मनाया जाता है ..
जवाब देंहटाएंएक नजर समग्र गत्यात्मक ज्योतिष पर भी डालें
बढिया प्रस्तुति आंचलिक पर्व की झलक लिए .ये न्योरते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेटियाँ बाप के कान के ऊपर मुंडेर पे धरती हैं आशीष लेती हैं .स्वरूप भिन्न हैं यहाँ .
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया !
साभार !!
अन्न ही हमारी प्रमुख आवश्यकता है इसलिए इसकी पूजा हमारे यहां परम्परा है। आपको हरेला की बधाई।
जवाब देंहटाएंहैप्पी हरेला !!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है !!!
हमारी भी शुभकामनायें..
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