-- गाँधी और पटेल ने, जहाँ लिया अवतार। मोदी का गुजरात ने, दिया हमें उपहार।। -- देवताओं से कम नहीं, होता है देवेन्द्र। सौ सालों के बाद में, पैदा हुआ नरेन्द्र।। -- साधारण परिवार का, किया चमन गुलजार। मोह छोड़ संसार का, त्याग दिया घर-बार।। -- युगों-युगों के बाद में, लेते जन्म सपूत। दयानन्द की धरा के, मोदी स्वयं सुबूत।। -- समझौता जिसको नहीं, बैरी से स्वीकार। उस मोदी के हाथ में, भारत की पतवार।। -- दामोदर नर इन्द्र से, ऊँचा माँ का भाल। अभिनन्दन जग कर रहा, ले पूजा का थाल।। -- जन्म-दिवस पर आपको, नमन हजारों बार। दीर्घ आयु की कामना, करता दोहाकार।। -- |
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शुक्रवार, 17 सितंबर 2021
दोहे "जन्मदिन-नरेन्द्र मोदी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 17 सितम्बर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(१८-०९-२०२१) को
'ईश्वर के प्रांगण में '(चर्चा अंक-४१९१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
वाह! मोदी जी के जन्मदिन पर सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंहमारे प्रधानमंत्री जी को समर्पित सुंदर दोहे,बहुत बहुत शुभकामनाएं 💐💐
जवाब देंहटाएंप्रधानमंत्रीजी के जन्मदिन पर सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंजन्म दिवस पर समर्पित सुंदर दोहे।
जवाब देंहटाएंप्रधानमंत्री जी को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्मदिन पर उन्हे समर्पित बहुत ही सुन्दर दोहे।
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर दोहे । दोहाकार को नमन ।
जवाब देंहटाएं