आसमान में उड़ने का तो, ओर नहीं है छोर नहीं है। लेकिन हूँ लाचार पास में बची हुई अब डोर नहीं है।। दिवस ढला है, हुआ अन्धेरा, दूर-दूर तक नहीं सवेरा, कब कट जाए पतंग सलोनी, साँसों पर कुछ जोर नहीं है। तन चाहे हो भोला-भाला, लेकिन मन होता मतवाला, जब होता अवसान प्राण का, तब जीवन का शोर नहीं है। वो ही कर्ता, वो ही धर्ता, कुशल नियामक वो ही हर्ता, जो उसकी माया को हर ले, ऐसा कोई चोर नहीं है। “रूप” रंग होता मूरत में, आकर्षण होता सूरत में, लेकिन माटी के पुतले में, कभी चहकती भोर नहीं है। |
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बुधवार, 10 अगस्त 2011
"1050वीं पोस्ट - कभी चहकती भोर नहीं है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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आपको बहुत बधाई अपनी 1050 पोस्ट के लिए... बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है आपने...
जवाब देंहटाएंsunder gazal
जवाब देंहटाएंभाई साहब ! आपने बहुत ख़ूब लिखा है।
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई अपनी 1050 पोस्ट के लिए..
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बधाई अपनी 1050 पोस्ट के लिए ... बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है...आभार...
जवाब देंहटाएं१०५० वें पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएं11
1050 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
बहुत तेज़ी से लिखते है आप भाई जी...आपकी लिखनी के नतमस्तक है हम ....आपकी १०५०.वीं पोस्ट कि हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएं"वो ही कर्ता, वो ही धर्ता, कुशल नियामक वो ही हर्ता,
जवाब देंहटाएंजो उसकी माया को हर ले, ऐसा कोई चोर नहीं है।"
1050वीं पोस्ट की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!!
जवाब देंहटाएंदिलचस्प और लाजवाब रचना!
दिवस ढला है, हुआ अन्धेरा, दूर-दूर तक नहीं सवेरा,
जवाब देंहटाएंकब कट जाए पतंग सलोनी, साँसों पर कुछ जोर नहीं है।
तन चाहे हो भोला-भाला, लेकिन मन होता मतवाला,
जब होता अवसान प्राण का, तब जीवन का शोर नहीं है।
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! लाजवाब गीत!
१०५० वी पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
ब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!
जवाब देंहटाएं!!अवलोकन हेतु यहाँ प्रतिदिन पधारे!!
आपको बहुत बधाई अपनी 1050 पोस्ट के लिए... बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है आपने...
जवाब देंहटाएंbadhai 1050th post ke liye.
जवाब देंहटाएंrachna bhi sunder hai .
sundar gajal...bahut bahut bdhayi...aabhar
जवाब देंहटाएंयह तो एक कीर्तिमान लगता है शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ।
नये पड़ाव की बधाई।
जवाब देंहटाएंआसमान में उड़ने का तो, कोई ओर न छोर नहीं है।
जवाब देंहटाएंलेकिन हूँ लाचार पास में बची हुई अब डोर नहीं है।।
...बहुत सुंदर और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति॥
1050 vi post ke liye sahstron badhaai.is kavita ka to koi jabaab hi nahi hai.behtreen kavita.
जवाब देंहटाएंआप जितनी पोस्ट लिखने की आस लिये बैठा हूँ। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंaap to sir kirtimaan sthapit karoge...sabse jayda kavitayen likhne ka..:)
जवाब देंहटाएंbahut pyari si rachna..
आपकी आज तक पढ़ी हुयी सभी रचनाओं मे मुझे यह सार्वधिक पसंद आयी
जवाब देंहटाएं1050 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई सर ।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढिया लिखा है .. आपकी 1050 पोस्ट के लिए आपको बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंdr.saheb 1050 baar aapako badhayi,
जवाब देंहटाएंइस शुभ अवसर हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएं शाश्त्रीजी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अनवरत लेखन के लिए हार्दिक बधाइयाँ...
जवाब देंहटाएंसदा की तरह प्रभावित करती रचना। आज और विशेष कुछ नहीं सिर्फ़
जवाब देंहटाएंबधाई! बधाई!! बधाई!!!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं1050 पोस्ट होने पे बधाई और यह १०५०वी पोस्ट है भी बहुत शानदार.
जवाब देंहटाएं१०५० वीं पोस्ट के लिए बधाई ..
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति
आपको बहुत बधाई अपनी 1050 पोस्ट के लिए... बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है आपने...
जवाब देंहटाएंमेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए।
आपको बहुत बधाई अपनी 1050 पोस्ट के लिए... बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है आपने...
जवाब देंहटाएंमेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...बधाई 1050वीं पोस्ट के लिए
जवाब देंहटाएंनिराशा भी जीवन का ही एक गीत है ..
जवाब देंहटाएं1050वीं पोस्ट का रिकोर्ड हासिल करने की बहुत बधाई और शुभकामनायें !
1050वीं पोस्ट, आपने तो कमाल कर दिया। बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंबधाई हो शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंmubaarak ho guru ji
जवाब देंहटाएंतन चाहे हो भोला-भाला, लेकिन मन होता मतवाला,
जवाब देंहटाएंजब होता अवसान प्राण का, तब जीवन का शोर नहीं है...behtarin panktiyan..aaj aapki 1050 post ke prakashan par bhi hardik shubhkamnayein
बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है आपन बधाई 1050वीं पोस्ट के लिए****
जवाब देंहटाएंजीवन की सच्चाई को बयाँ करती सुन्दर रचना...1050वीं पोस्ट के लिए बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएं1050 वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई, आपका ब्लॉग इसी तरह दिन दूना रात चौगुना बढ़ता रहे,
जवाब देंहटाएंैआपका स्वागत
जवाब देंहटाएं