अपना भारतवर्ष है, गाँधी जी का देश। सत्य-अहिंसा का यहाँ, बना रहे परिवेश।१। शासन में जब बढ़ गया, ज्यादा भ्रष्टाचार। तब अन्ना ने ले लिया, गाँधी का अवतार।२। गांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार। अन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।३। साम-दाम औ’ दण्ड की, हुई करारी हार। सत्याग्रह के सामने, डाल दिये हथियार।४। जनबल आये हाथ में, ऐसा करो उपाय। सिंहासन पर प्रजा ही, राजा को बैठाय।५। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
बुधवार, 17 अगस्त 2011
"दोहे...गाँधी का अवतार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
etni sundar aap ki kabitha
जवाब देंहटाएंutni sundar aap ki likh
वाह अति सुन्दर प्रस्तुति जन जागृति का संचार करती।
जवाब देंहटाएंदेशातील तरुण जागृत झालेला आहे. "युवाशक्ति हीच आमची राष्ट्रशक्ति आहे"
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्मितीची हीच वेड आहे असा मोका पुन्हा येईल की नाही शंका आहे म्हणून आता स्वातन्त्रायांची दुसरी लढाई समजून अहिंसेच्या मार्गाने रसत्यावर उतरण्याची गरज आहे. तरच आपण " स्वातन्त्रायांची दुसरी लढाई जिंकू शकू, भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण करू शकू " सुन्दर प्रस्तुति
शासन में जब बढ़ गया, ज्यादा भ्रष्टाचार।
जवाब देंहटाएंतब अन्ना ने ले लिया, गाँधी का अवतार।२।
गांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार।
अन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।३।
बहुत सुन्दर और सटीक दोहे! ज़बरदस्त प्रस्तुती!
♥ गांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार।
जवाब देंहटाएंअन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।♥
वाह बहुत खूब गाँधी जी के दर्शन हो गए है इस बार शयद सरकार को,
♥ ♥
सार्थक रचना के लिए बधाई स्वीकार करें .......आभार♥
Actions ▼
जवाब देंहटाएंरूपचंद्र: "दोहे...गाँधी का अवतार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
अपना भारतवर्ष है, गांधी जी का देश।
सत्य-अहिंसा का यहाँ, बना रहे परिवेश।१।
शासन में जब बढ़ गया, ज्यादा भ्रष्टाचार।
तब अन्ना ने ले लिया, गाँधी का अवतार।२।....,इस खूबसूरत अपडेट के लिए आपका विशेष आभार .मौजू और इस पल की बंदिश है यह .
http://uchcharan.blogspot.com/2011/08/blog-post_17.html
Sent at 6:26 AM on Wednesday
रूपचंद्र is busy. You may be interrupting.
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
पन्द्रह मिनिट कसरत करने से भी सेहत की बंद खिड़की खुल जाती है .
. August 16, 2011
उठो नौजवानों सोने के दिन गए ......http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
सोमवार, १५ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
त्रि -मूर्ती से तीन सवाल .
सब गाँधी का कमाल है,
जवाब देंहटाएंअपना भारतवर्ष है, गांधी जी का देश।
जवाब देंहटाएंसत्य-अहिंसा का यहाँ, बना रहे परिवेश।१।
शासन में जब बढ़ गया, ज्यादा भ्रष्टाचार।
तब अन्ना ने ले लिया, गाँधी का अवतार।२।....,इस खूबसूरत अपडेट के लिए आपका विशेष आभार .मौजू और इस पल की बंदिश है यह .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
पन्द्रह मिनिट कसरत करने से भी सेहत की बंद खिड़की खुल जाती है .
. August 16, 2011
उठो नौजवानों सोने के दिन गए ......http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
सोमवार, १५ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
त्रि -मूर्ती से तीन सवा
बेहद प्रभावशाली दोहे... वाकई अन्ना गाँधी के अवतार हैं...
जवाब देंहटाएंगांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार।
जवाब देंहटाएंअन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।३।
दोहे सही समय पर , सटीक , अच्छे लगे
"जनबल आये हाथ में, ऐसा करो उपाय।
जवाब देंहटाएंसिंहासन पर प्रजा ही, राजा को बैठाय।"
....
सबक हमेशा के लिए सत्ता को मिल जाय।
ये चाहे तो चढ़ा दे, चाहे देत मिटाय।।
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं♥ गांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार।
जवाब देंहटाएंअन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।♥
वाह बहुत खूब गाँधी जी के दर्शन हो गए है इस बार शयद सरकार को,
♥ ♥ सार्थक रचना के लिए बधाई स्वीकार करें .......आभार ♥ ♥
Sahmat .
बहुत सुन्दर कविता है शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंजनता को दो पार्टी सिस्टम के लिए भी लड़ना चाहिए...सब विरोधी विचार धारा वाले मिल कर सरकार बना लेते हैं...और जवाबदेही किसी की नहीं...बेहतरीन दोहे...
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंekdam samayik aur sundar...
जवाब देंहटाएंdesh kee vartmaan sthiti par dohe sateek siddh ho rahe hain. samasaamayik rachna ke liye aabhar.
जवाब देंहटाएंसत्य को उजागर करते प्रभावशाली दोहे!!!!
जवाब देंहटाएंसादर!
शास्त्री जी , मौजूदा हालातों पर सही दोहे लिखे हैं ।
जवाब देंहटाएंआज के दृश्य को दिखाते अच्छे दोहे ..
जवाब देंहटाएंनेताओं को तो यमराज का अवतार सा दिख रहा है अन्ना में।
जवाब देंहटाएंऐसा करके केंद्र सरकार विरोधियों को अवसर दे रही है।
बहुत उम्दा...बढ़िया रचा..
जवाब देंहटाएंdesh tere saath hai Anna Hazaare!
जवाब देंहटाएंआपकी कविता बहुत अच्छी है लेकिन सिंहासन पर प्रजा ही राजा को बैठाय। यही भ्रम तो वर्तमान सरकार को हो रहा है कि वह राजा है। जबकि उसे केवल पाँच वर्ष के लिए जनता के लिए व्यवस्था देने का कार्य सौंपा गया है।
जवाब देंहटाएंशासन में जब बढ़ गया, ज्यादा भ्रष्टाचार।
जवाब देंहटाएंतब अन्ना ने ले लिया, गाँधी का अवतार।२।
गांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार।
अन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।३।
Very inspiring couplets.
.
waah kya ahinsak tamacha mara hai aapne bhrast sarkaar ke gaal par..
जवाब देंहटाएंबेहद प्रभावशाली ... लाजवाब दोहे शास्त्री जी ... आज के माहोल को सही दिशा देते हुवे ...
जवाब देंहटाएं