मित्रों...!
गर्मी अपने पूरे यौवन पर है। ऐसे में मेरी यह बालरचना आपको जरूर सुकून देगी! ![]() पिकनिक करने का मन आया!
मोटर में सबको बैठाया!!
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पहुँच गये जब नदी किनारे!
खरबूजे के खेत निहारे!!
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ककड़ी, खीरा और तरबूजे!
कच्चे-पक्के थे खरबूजे!!
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प्राची, किट्टू और प्रांजल!
करते थे जंगल में मंगल!!
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लो मैं पेटी में भर लाया!
खरबूजों का मौसम आया!!
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देख पेड़ की शीतल छाया!
हमने आसन वहाँ बिछाया!!
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जम करके खरबूजे खाये!
शाम हुई घर वापिस आये!!
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गर्मी के मौसम में खरबूजे जैसी ही राहत देती आपकी बाल कविता , बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह, आप जैसे परिवार गर्मी का असली आनंद लेना जानते हैं..बधाई!
जवाब देंहटाएंआपने लिखा....
जवाब देंहटाएंहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 22/05/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
ham bhi ja rhe kharbuje khane
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ का अनुसरण कर बहुत कुछ देखें और पढें
इसे कहते हैं एक पंथ दो काज,
जवाब देंहटाएंपिकनिक भी हो गई, खरबूजे का स्वाद भी
पिकनिक और खरबूजे का स्वाद बांट लिया आपने हम सब से भी
क्या बात..
चित्र मय रचना ...
जवाब देंहटाएंस्वाद आ गया ... नमस्कार शास्त्री जी ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंइतनी गर्मी में ऐसी शीतल पिकनिक आप ही करा सकते हैं .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .आभार . मेरी किस्मत ही ऐसी है .
साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
पढ़कर ही तरावट आ गयी..
जवाब देंहटाएंवाह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत खूब....... खूब रसास्वादन लिया खरबूजों का |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चित्रमय बालकविता,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया सचित्र प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २ १ / ५ /१ ३ को चर्चामंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कल मंगलवार (21 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण अंक - २ पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंगुरु जी प्रणाम
जवाब देंहटाएंगर्मी का है मौसम आया
खरबूजों ने याद दिलाया
वाह जी क्या बात है बल्राचना ने मन मोह लिया
सहज प्रसूत गीत खरबूज .बढ़िया बाल गीत .
जवाब देंहटाएंखरबूजे से ज्यादा बढ़िया खरबूजे के चित्र ,
खरबूजे भर पेटी लाया ,देखो प्यारे मित्र
सहज प्रसूत गीत खरबूज .बढ़िया बाल गीत .
जवाब देंहटाएंखरबूजे से ज्यादा बढ़िया खरबूजे के चित्र ,
खरबूजे भर पेटी लाया ,देखो प्यारे मित्र
खरबूजों की महिमा निराली लगी
जवाब देंहटाएंअब तो आपके यहां आकर खरबूजे खाने ही पड़ेंगे.
जवाब देंहटाएंअरे वाह, बड़े सुन्दर खरबूजे हैं. आनन्द आ गया कविता पढ़कर और खरबूजों का चित्र देखकर.
जवाब देंहटाएंखरबूजों की रंगत देख उमामी (रसीला )स्वाद उमड़ आया है .बढ़िया सजाई है दूकान खरबूजों की .शुक्रिया हमें चर्चा मंच पे लाने के लिए .
जवाब देंहटाएं:) बाल रचना सुन्दर है... वाक़ई गरमी में खरबूजा खाने का मजा ही कुछ और है....
जवाब देंहटाएंसरल सहज लिख डाली कविता
जवाब देंहटाएंसुन्दर और निराली कविता
खरबूजे में बड़ी तरावट
खाते ही हो दूर थकावट ||
वाह !
जवाब देंहटाएंबिल्कुल मौसम के अनुरूप !!!!!!!
जवाब देंहटाएंdpmathur
chitranshsoul.blogspot.com
ठंडी रसीली रचना......
जवाब देंहटाएं:-)
सादर
अनु