भोली चिड़ियों के
लिए, लाये नये रिवाज़।
चॉकलेट को चोंच
में, लेकर आये बाज़।।
--
रंग पश्चिमी ढंग
का, अपना रहा समाज।
देते मीठी गोलियाँ,
मित्रों को सब आज।।
--
मन में भेद भरा
हुआ, मुख में भरा मिठास।
कृत्रिम सुमनों
में भला, होगी कहाँ सुवास।।
--
जहाँ चुभन देने
लगे, पालक बनकर शूल।
बोलो कैसे सुमन
का, मन होगा अनुकूल।।
--
मतलब के ही
वास्ते, होती है मनुहार।
चॉकलेट देकर नहीं,
उगता दिल में प्यार।।
|
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
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सोमवार, 9 फ़रवरी 2015
"दोहेःचॉकलेट-डे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत अच्छा !
जवाब देंहटाएंगोस्वामी तुलसीदास
बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (10-02-2015) को 'चाकलेट-डे' चोंच में, लेकर आया बाज ; चर्चा मंच 1885 पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
मतलब के ही वास्ते, होती है मनुहार।
जवाब देंहटाएंचॉकलेट देकर नहीं, उगता दिल में प्यार।।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति…
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढियां..
जवाब देंहटाएंएकदम सार्थक रचना सर जी...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं