होती अपन तनय पर, माताओं
को आस।।
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माताएँ इस दिवस पर, करती
हैं अरदास।
उनके सुत का हो नहीं, मुखड़ा
कभी उदास।।
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सन्तानों के लिए है, यह
अद्भुत त्यौहार।
बेटा-बेटी में करो, समता
का ब्यौहार।।
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शिशुओं की किलकारियाँ, गूँजें
सबके द्वार।
मिलता बड़े नसीब से,
मात-पिता का प्यार।।
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घर के बड़े-बुजुर्ग है, जीवन
में अनमोल।
मात-पिता के प्यार को, दौलत
से मत तोल।।
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चाहे कोई वार हो, कोई हो
तारीख।
संस्कार देते हमें,
कदम-कदम पर सीख।।
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जीवन में उल्लास को, भर
देते हैं पर्व।
त्यौहारों की रीत पर, हमको
होता गर्व।।
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बहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहे.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर दोहे :)
जवाब देंहटाएंचाहे कोई वार हो, कोई हो तारीख।
जवाब देंहटाएंसंस्कार देते हमें, कदम-कदम पर सीख।।
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जीवन में उल्लास को, भर देते हैं पर्व।
त्यौहारों की रीत पर, हमको होता गर्व।।\
....बहुत सुंदर ..
बहुत सुंदर दोहे।
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