हर्षित होकर राग भ्रमर ने गाया है!
लगता है बसन्त आया है!!
नयनों में सज उठे सिन्दूरी सपने से,
कानों में बज उठे साज कुछ अपने से,
पुलकित होकर रोम-रोम मुस्काया है!
लगता है बसन्त आया है!!
खेतों ने परिधान बसन्ती पहना है,
आज धरा ने धारा नूतन गहना है,
आम-नीम पर बौर उमड़ आया है!
लगता है बसन्त आया है!!
पेड़ों ने सब पत्र पुराने झाड़ दिये हैं,
बैर-भाव के वस्त्र सुमन ने फाड़ दिये है,
होली की रंगोली ने मन भरमाया है!
लगता है बसन्त आया है!!
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रविवार, 10 फ़रवरी 2019
गीत "खेतों ने परिधान बसन्ती पहना है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बसन्त के आगमन पर बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसादर
प्रकृति समय समय पर नवीन भेष धारण कर अपना सन्देश देती है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर