-- समता और समानता, था जिनका अभियान। जननायक थे देश के, बाबा भीम महान।। -- धन्य-धन्य अम्बेडकर, धन्य आपके काज। दलितों वर्ग से आपने, जोड़ा सर्वसमाज।। -- दिया हमें कानून का, खिला हुआ बागान। भीमराव अम्बेदकर, थे भारत की शान।। -- समावेश करके सभी, देशों का मजमून। हितकारी सबके लिए, लिखा सही कानून।। -- एक वर्ग करने लगा, बाबा का उपभोग। राजनीति करने लगे, बाबा जी पर लोग।। -- था जिनके मन में बसा, सारा हिन्दुस्तान। उस भारत के भीम के, धूमिल हैं अरमान।। -- बाबा जी का जन्मदिन, देता है सन्देश। समता का इस देश में, बना रहे परिवेश।। -- |
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शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023
दोहे "बाबा भीम महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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