कल तक बहुत सताती थी जो,
भीषण गर्मी माह जून की।
आज इन्द्र लेकर आये हैं,
पहली बारिश मानसून की।
फटी पपेली-हुआ उजाला,
आसमान पर बादल छाया,
पहले आँधी चली भयंकर,
उमड़-घुमड़ फिर पानी आया,
कितनी सुखदायी लगती है,
पहली बारिश मानसून की।
झुलस रहे थे वन-उपवन सब,
सूख रही थी पौध धान की,
आग हवा में बरस रही थी,
जलती छत पक्के मकान की,
प्यास बुझाने आयी धरा की,
पहली बारिश मानसून की।
खिले किसानों के चेहरे अब,
आस बँधी है नवल फसल की,
पौध धान की चले रोपने,
हल ने खेतों में हलचल की,
बया नीड़ से झाँक रही है,
पहली बारिश मानसून की।
बच्चे खेल रहे बारिश में,
धमाचौकड़ी खूब मचाते,
काग़ज़ की इक नाव बनाकर,
नाली में है उसे चलाते,
हरियाली को देने आयी,
पहली बारिश मानसून की।
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मंगलवार, 11 जून 2013
"पहली बारिश मानसून की" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंमानसून की पहली बारिश को शब्दों और चित्रों में बाखूबी बाँधा है शास्त्री जी ...
जवाब देंहटाएंबधाई इस रचना पे ...
saawan ke jhoolo ne mujhko bulaaya...main pardesi ghar waapas aaya!
जवाब देंहटाएंबच्चे खेल रहे बारिश में,
जवाब देंहटाएंधमाचौकड़ी खूब मचाते,
काग़ज़ की इक नाव बनाकर,
नाली में है उसे चलाते,
हरियाली को देने आयी,
पहली बारिश मानसून की।
बहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है .शुभकामनायें आपको .
मानसून तो अब आ ही पहुंचा है, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
पहली बारिश मानसून की बड़ी सुखद होती है ,,सुंदर प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : मैनें अपने कल को देखा,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति हम तो इंतज़ार में हैं अभी मानसून के
जवाब देंहटाएंमहके सब कुछ पानी पानी।
जवाब देंहटाएंभीषण गर्मी के बाद बर्षा की पहली फुहार बड़ा ही मनभावन होता है.बहुत ही सुंदर प्रस्तुती,आभार आदरणीय.
जवाब देंहटाएंपहली बारिश मुबारक हो..
जवाब देंहटाएंआज इन्द्र लेकर आये हैं,
जवाब देंहटाएंपहली बारिश मानसून की।
दुआ चंदन
बस रहे पावन
जहाँ भी रहे !
बहुत खूब, खूबशूरत अहसाह ,बेहतरीन,बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंमुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
जवाब देंहटाएंआप की ये रचना 14-06-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।
जय हिंद जय भारत...
कुलदीप ठाकुर...
बेहद सुन्दर प्रस्तुति ....!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (11-06-2013) के अनवरत चलती यह यात्रा बारिश के रंगों में .......! चर्चा मंच अंक-1273 पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार
गुरु जी को प्रणाम
जवाब देंहटाएंपहली मानसून की बधाई गुरु जी
आपकी यह रचना कल बुधवार (12-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
सादर
सादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंकविता और चित्र दोनों अदभुद.....
मानसून की पहली बौछार आपकी कविता के माध्यम से
वरना हम तो अभी तक तरस गए ...........आभार
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंlatest post: प्रेम- पहेली
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
कविता और चित्र दोनों मन को भा गए..
जवाब देंहटाएं