चर्चा में हैं आज
तो, होली के ही रंग।
इस पावन त्यौहार
के, अजब-ग़ज़ब हैं ढंग।१।
जली होलिका आग
में, बचा भक्त प्रहलाद।
चमत्कार को देखकर,
उमड़ा है आल्हाद।२।
दहीबड़े-पापड़ सजे,
गुझिया का मिष्ठान।
रंग-गुलाल लगा
सभी, गाते होली गान।३।
मिला हुआ है भाँग
में, अदरख-तुलसीपत्र।
बौराये से लोग हैं,
यत्र-तत्र-सर्वत्र।४।
कुर्ता होली
खेलता, अंगिया के संग आज।
रँगा प्यार के रंग
में, अपना देश-समाज।५।
रंग-बिरंगे हो
रहे, गोरे-श्यामल गाल।
हँसी-ठिठोली कर
रहे, राधा संग गोपाल।६।
देख खेत में धान्य
को, हर्षित भारतवंश।
होली में अर्पित
किया, होलक का कुछ अंश।७।
स्वागत में नववर्ष
के, खुलकर खिला पलाश।
नवसम्वत्सर लायेगा,
जीवन में उल्लास।८।
होली अब होली हुई,
छोड़ गयी सन्देश।
भस्म बुराई को
करो, निर्मल हो परिवेश।९।
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सोमवार, 17 मार्च 2014
"दोहे-निर्मल हो परिवेश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति .होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ............. बहुत सुन्दर वाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर। होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर
रंगोत्सव पर मंगलकामनाएं आपको भाई जी !
जवाब देंहटाएंजितने बढ़िया गीत हैं उतने बढ़िया छंद
जवाब देंहटाएंपढ़ पढ़ कर हमको मिले नित नूतन आनंद।
मिला हुआ है भाँग में, अदरख-तुलसीपत्र।
जवाब देंहटाएंबौराये से लोग हैं, यत्र-तत्र-सर्वत्र।४।
कुर्ता होली खेलता, अंगिया के संग आज।
रँगा प्यार के रंग में, अपना देश-समाज।५।
स्वागत में नववर्ष के, खुलकर खिला पलाश।
नवसम्वत्सर लायेगा, जीवन में उल्लास।८।
होली अब होली हुई, छोड़ गयी सन्देश।
भस्म बुराई को करो, निर्मल हो परिवेश।९।
सुन्दर सन्देश मनभावन दोहे होली के
भावपूर्ण और आत्मीय ! होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंbeautiful
जवाब देंहटाएंहोली का सार्थक संदेश तो यही है।
जवाब देंहटाएं