-- देखो फिर से आ गया, नया नवेला
साल। आशाएँ मन में जगीं, सुधरेंगे अब
हाल।१। -- देखो फिर से आ गया, नया-नवेला
साल। आशाएँ मन में जगीं, सुधरेंगे अब
हाल।२। -- होगा नूतन साल में, जीवन में
उल्लास। पल भर में ही हो गया, गया साल
इतिहास।३। -- नये साल में सभी से, हों अच्छे
सम्बन्ध। जिससे हो सबका भला, करें वही
अनुबन्ध।४। -- अपना भारत देश तो, माँगे सबकी
खैर। किसी देश से भी कभी, नहीं चाहता
बैर।५। -- चैन-अमन होते सदा, जीवन के
पर्याय। आतंकी आयें नहीं, ऐसे करो
उपाय।६। -- होंगे नूतन वर्ष में, दुनिया से
अनुबन्ध। अब विकास के क्षेत्र में, पनपेंगे
सम्बन्ध।७। -- भारत के सब नागरिक, माँगें सबकी
खैर। नहीं चाहते किसी से, भारतवाले
बैर।८। -- शंकाएँ सब दूर हों, हो आपस में
मेल। मन के उपवन में सदा, बढ़े प्रेम
की बेल।९। -- मर्यादा के साथ में, खूब मनाएँ
हर्ष। बालक-वृद्ध-जवान को, मंगलमय
नववर्ष।१०। -- नये साल में कामना, करता
यही मयंक। सरिताएँ बहती रहें, धरती
पर निष्पंक।११। -- नये साल में छोड़ दे, हम वो
सभी रिवाज। जिनसे सतत-विकास के, थमते
हों सब काज।१२। -- तानाशाह भले रहें, भारत
की सरकार। लेकिन महँगाई नहीं, लोगों
को स्वीकार।१३। -- नये साल का हो रहा, लोगों
को आभास। अब बाइस बनने चला, दुनिया
में इतिहास।१४। -- आदिकाल से चल रही, यही
सनातन रीत। वर्तमान ही बाद में, होता
सदा अतीत।१५। -- खुशी और अवसाद में, बीत
गया है वर्ष। बाल-वृद्ध, नर-नारि
को, नया साल दे हर्ष।१६। -- साल पुराना ही सदा, लाता
है नववर्ष। वो हो जाता है अमर, जो
करता संघर्ष।१७। -- बिछा रहा इंसान खुद, पथ में
अपने शूल। नूतनता के फेर में, गया
पुरातन भूल।१८। -- चिड़ियों को अब लीलते, घात
लगाकर बाज। बहू-बेटियों की पड़ी, खतरे
में अब लाज।१९। -- नैतिकता की आड़ ले, करें
अनैतिक काम। राम-कृष्ण के देश में, मचा
हुआ कुहराम।२०। -- शीतलता की मार से, निर्धन है भयभीत। बच्चे-बूढ़ों के लिए, कठिन
झेलना शीत।२१। -- सूखा पाला पड़ रहा, फसल
रही है सूख। लगती अधिक गरीब को, कंगाली
में भूख।२२। -- धूप नहीं नभ में खिली, अंग
ठिठुरता जाय। सरदी में अच्छी लगे, गरम-गरम ही चाय।२३। -- |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
रविवार, 1 जनवरी 2023
तेइस दोहे "नया साल दे हर्ष" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।